भोपाल। आयकर विभाग ने प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. विभाग ने भोपाल में पुराने शहर के चूड़ी कारोबारी पीयूष गुप्ता की सवा सौ करोड़ की 225 बेनामी संपत्तियां अटैच की हैं। यह संपत्तियां भोपाल के साथ सीहोर, मुंबई, गोवा, आगरा समेत अन्य शहरों में हैं. ये सभी प्रॉपर्टी नौकरों, ड्राइवर और रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई थी. इसमें 265 एकड़ जमीन, 45 प्लॉट, मकान और दुकानें शामिल हैं.
पिछले साल 20 ठिकानों पर मारा था छापा
आयकर विभाग ने बीते साल पीयूष गुप्ता और उनके सहयोगियों के 20 ठिकानों पर अगस्त 2020 में छापा मारा था. इसमें पुराने शहर में छोटी दुकान चलाने वाले या छोटे से मकान में रहने वाले लोग भी शामिल थे. इस दौरान सौ प्रॉपर्टी के कागज, एग्रीमेंट और दो बंडल रजिस्ट्रियां टीमों को मिली थी.
8 बैंकों के 35 खातों से हुआ था भुगतान
जानकारी के मुताबिक, यह बेनामी संपत्तियां 30 अलग-अलग लोगों के नाम से खरीदी गई थी। इनमें अधिकतर लोग गुप्ता की कंपनी के कर्मचारी थे. इसके अलावा कई जमीनें रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी गई थी. भोपाल में सिविल लाइन, एमपी नगर, श्यामला हिल्स, सिग्नेचर रेजीडेंसी, बीडीए कॉलोनी सहित राजधानी से सटे 40 गांवों में जमीनों की खरीद-फरोख्त की गई थी. इन सभी संपत्तियों की खरीद के लिए 8 बैंकों के करीब 35 से अधिक खातों में भुगतान किया गया था.
पुजारी के नाम पर खरीदी 25 एकड़ जमीन
छापे के दौरान सामने आया कि सोनागिरी में रहने वाले मंदिर के पुजारी के नाम पर भी 25 एकड़ जमीन खरीदी गई. इसकी कीमत 25 करोड़ रुपए बताई गई थी. इतना ही नहीं 5 से 20 हजार रुपए वेतन पाने वाले कर्मचारियों को पार्टनर बनाकर 10 फर्म खोली थी. जबकि कर्मचारियों को इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया था.
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कंपनी में कई रिटायर्ड अफसरों का निवेश
मिली जानकारी के अनुसार, गुप्ता की कंपनी में कई सेवानिवृत्त अधिकारियों के निवेश का भी पता चला है. इसके जरिए ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम किया जाता था. फिलहाल, उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं. इस मामले में गुप्ता की संपत्तियां अटैच करने के बाद अब इस केस को दिल्ली शिफ्ट किया जा रहा है.