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अब निडर बनेगी बेटियां! ट्रेनिंग कैंप में आत्मरक्षा के गुण सीख रहीं वुमन पावर

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Published : Mar 24, 2021, 7:56 PM IST

Updated : Mar 24, 2021, 10:39 PM IST

जमाना बदल रहा है, लोग बदल रहे हैं तो इस बदलाव के दौर में बेटी भी क्यों पीछे रहे. इस बात को मुकम्मल बनाने में भिंड की बेटियां कराटे ट्रेनिंग कैंप में पसीना बहाकर अपने आप को आत्मरक्षा लायक बना रही है.

Now daughters will be fearless
अब निडर बनेगी बेटियां

भिंड। लंबे समय तक अपराध की छवि के लिए बदनाम चंबल भी, महिला अपराधों के लिए बदनाम रहा हैं. लूट, डकैती के साथ-साथ कई बार महिलाओं से छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसी घिनौनी वारदात में भी सामने आती है. कोरोना काल में साढ़े छह साल की मासूम से हुए दुष्कर्म ने दो पूरे भिंड को झकझोर दिया था. लेकिन वक्त हमेशा एक सा नहीं होता. भिंड जिले में अब बेटियां आत्मरक्षा के गुर सीख रहीं हैं. भिंड के शासकीय कन्या शालाओं में मध्य प्रदेश शासन की मंशा पर कराटे ट्रेनिंग (Self defense training) दी जा रही है. देखिए यह रिपोर्ट..

कराटे कैंप में बेटियों को प्रशिक्षण

जिस तरह देश में महिला अपराधों में तेजी से इजाफा हुआ है. उसे देखते हुए महिलाओं को सशक्त बनाने और उनमें इस बात का कॉन्फिडेंस लाने के लिए की वे खुद का बचाव कर सकती हैं, अब बेहद जरूरी हो गया है, आज के दौर में शाम का समय हो या सुनसान इलाके बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं माने जाते हैं. जिसका कारण देश के अलग-अलग कोनों में हुई कई गम्भीर वारदातें हैं. जिन्होंने पूरे देश में आक्रोश की लहर बनाई, लेकिन आज भी कभी किसी हादसे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए भिंड जिले में स्कूल शिक्षा और खेल विभाग के संयुक्त प्रयासों से छात्राओं के लिए विशेष कराटे ट्रेनिंग कैम्प आयोजित किए जा रहे हैं.

अब निडर बनेगी बेटियां

आत्मरक्षा से बढ़ता आत्मविश्वास

भिंड में कराटे ट्रेनिंग कैंप अलग-अलग जगहों पर संचालितो हो रहे हैं. इन कन्या शालाओं द्वारा संचालित कराटे कैंप (Karate camp) में 850 से ज्यादा बच्चियां जूडो, तायक्वांडो, कराटे, जैसी विशेष शैलियों का प्रशिक्षण ले रही हैं. मेहगांव स्थित शासकीय कन्या शाला में भी हर रोज दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाता है. जिसमें करीब 65 बच्चियों को कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस कैंप में हिस्सा ले रही बच्चियों का कहना है कि आज जिस तरह महिला अपराध हो रहे है, ऐसे में शासन का यह कदम बेहद सराहनीय है, यहां कराटे सीखने आने से धीरे-धीरे आत्मविश्वास बढ़ रहा है कि कभी हम ऐसी जगह फंस जाएं, जहां हमारी मदद के लिए कोई ना हो तो खुद की रक्षा कर पाएंगे. इस तरह कराटे सीखना भी अच्छा लग रहा है.

कराटे ट्रेनिंग कैंप

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बेटियों के लिए सुरक्षित नहीं प्रदेश

इन बच्चियों को कराटे का प्रशिक्षण दे रही ट्रेनर आमना बानों का कहना है कि एमपी ही नहीं पूरे देश में महिलाओं को लेकर अपराध हो रहे हैं. आज बेटियां कहीं भी सुरक्षित महसूस नहीं करती है. हमने पहले भी कई बार ऐसी घटनाओं के बारे जाना है, जिनसे पूरा देश शर्मसार हुआ है. इसलिए महिला सशक्तिकरण जरुरी है, बच्चियों को कम से कम अपनी आत्मरक्षा करना आना चाहिए और इसी विचार के साथ यह कराटे ट्रेनिंग कैंप आयोजित किए गए हैं. जहां 15 दिनों में कराटे की विधा में बच्चियों को प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है.

कराटे ट्रेनिंग कैंप

इस तरह दिया जाता है बच्चियों को प्रशिक्षण

बच्चों को कराटे सिखाने के लिए समय 2 बजे से 4 बजे तक का रखा गया है. स्कूल टाइम खत्म होने के बाद बच्चियां कराटे क्लास में पहुंचती हैं. कहा पहले उन्हें वॉर्मअप एक्सर्सायज करायी जाती है, जिसके बाद पंचिंग प्रैक्टिस, ट्रेनर आमना बानो इन बच्चियों को आपस में मिलकर एक दूसरे के साथ भी कराटे मूव्ज प्रैक्टिस करती हैं और यदि प्रशिक्षु बच्चियां कुछ गलत करती है, तो तत्काल उन्हें रोककर सही तरीका भी बताया जाता है, वहीं प्रैक्टिस के बाद करीब चार बजे ट्रेनिंग खत्म होती है.

स्पोर्ट्स की तैयारी भी बन रहा विकल्प

कराटे ट्रेनिंग कैंप 25 मार्च तक आयोजित हो रहे हैं. हालांकि जो बच्चियां कराटे आगे भी सीखना चाहती है, वे खुद भी पहल कर सीखने की पेशकश कर सकती हैं. जिसके लिए ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षण जारी रहेगा. इन बच्चियों में सीखने की ललक और कराटे के प्रति आकर्षण दोनों ही भरपूर हैं, जो उनके आत्मविश्वास में साफ झलकता है. इस ट्रेनिंग में युवतियां ना सिर्फ आत्मरक्षा के गुर सिख रही है. बल्कि स्पोर्ट्स में भी इन बच्चों की जीव रखने का काम कर रही है. क्या पता कल इन छोटी-छोटी बच्चियों में से ही कोई कराटे में देश का नाम रोशन कर दे.

कराटे ट्रेनिंग कैंप

भिंड में महिला अपराध से जुड़े मामले

2019 में भिंड जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में महिलाओं से सम्बंधित कुल 255 प्रकरण दर्ज किए गए थे. इनमें 88 मामले सिर्फ दुष्कर्म के थे.
2020 में आईपीसी की धारा 354 यानी महिलाओं से छेड़छाड़ के 111 प्रकरण आए थे. इसी साल 41 महिलायें दुष्कर्म जैसे संगीन अपराध की शिकार हुई थी. इन प्रकरणों को आईपीसी की धारा 376 के तहत दर्ज किया गया था.
2021 में एक जनवरी से 15 मार्च 2021 तक महिलाओं से छेड़छाड़ के 22 प्रकरण दर्ज हुए है. जिले के विभिन्न पुलिस थानों में कुल 12 केस दर्ज हुए हैं. यह आंकड़े भी एक जनवरी से 15 मार्च 2021 तक दर्ज मामलों के आधार पर हैं.

Last Updated : Mar 24, 2021, 10:39 PM IST

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