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भिंड में ग्रामीणों ने ली आदर्श गांव बनाने की सौगंध, कुदाल और फावड़ा उठाकर सड़क सुधार में जुट ग्रामवासी - भिंड सड़क सुधार में जुट ग्रामवासी

मध्य प्रदेश के भिंड में ग्रामीणों ने गांव के मुख्य मार्ग के सुधार का बीड़ा उठाया है. ग्रामवासियों ने संकल्प लिया है कि वह काशीपुरा की तस्वीर बदल कर ही दम लेंगे. इस पहल में एक संस्था भी ग्रामीणों की मदद के लिए आगे आई है.

Commitment to make Kashipura of Bhind an ideal village
भिंड के काशीपुरा को आदर्श गांव बनाने की सौगंध

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Published : Feb 16, 2022, 3:21 PM IST

भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड के काशीपुरा के लोगों ने अपने गांव की तस्वीर बदलने की ठान ली है. वे खुद कुदाल और फावड़ा उठाकर सड़क सुधार में जुट गए और अपने गांव को आदर्श गांव बनाने की सौगंध ले ली है. जिला मुख्यालय से लगभग पांच किलो मीटर दूर बसे काशीपुरा गांव की तस्वीर बदलने के लिए सभी एक जुट हो चुके हैं. यह गांव रछैणी ग्राम पंचायत में आता है, इस गांव की आबादी लगभग सात सौ है. यहां का हाल यह है कि सीधे गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. जरा सा पानी गिरने पर गांव तक पहुंचना आसान नहीं होता.

भिंड सड़क सुधार में जुट ग्रामवासी
आदर्श ग्राम बनाने का संकल्प

इस गांव की तस्वीर बदलने के लिए 'दी मानवता फाउंडेशन' आगे आया है. फाउंडेशन के सतीश राजावत का कहना है कि उनकी संस्था ने ग्राम पंचायत रछैणी के अंतर्गत आने वाले ग्राम काशीपुरा को आदर्श ग्राम बनाने के लिये गोद लिया गया है. संस्था द्वारा इस गांव को ग्रामीणों के सहयोग से आदर्श गांव बनाने की कोशिशें भी तेज कर दी गई हैं. जिसके अंतर्गत सर्वप्रथम समस्त ग्रामवासियों को आदर्श ग्राम में सहभागिता के लिए प्रेरित किया गया व कई स्तर पर पंचायत का आयोजन किया गया. ग्रामवासियों की सहमति के बाद उन्हें काशीपुरा ग्राम को आदर्श ग्राम बनाने के संकल्प दिलवाया गया.

ग्रामीणों के साथ से हल होंगी समस्याएं

'दी मानवता फाउंडेशन' ने तय किया है कि काशीपुरा ग्राम को आदर्श ग्राम बनाने के लिये स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य, समरसता, स्वावलम्बन, जल सम्पदा-वन संपदा, कुप्रथा एवं ग्राम की समस्याएं दूर करने व आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ग्रामवासियों को साथ लेकर कार्य करेगी. गांव वालों ने मुख्य मार्ग से काशीपुरा तक जाने वाले उबड़-खाबड़ मार्ग के लिए सुधार कार्य करके इस बात का संकेत दे दिया है कि अब उन्हें प्रशासन और सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. यह ऐसा मार्ग है जिसमें आम तौर पर चार पहिया वाहन से पहुंचना आसान नहीं होता, तो बारिश के मौसम में तो नामुमकिन हो जाता है.

इनपुट - आईएएनएस

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