भिंड। मेहगांव विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को हुए मतदान के दौरान अकलौनी गांव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिन जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में बूथ पर तैनात पोलिंग पार्टी के अधिकारियों द्वारा ही फर्जी वोटिंग करने की बात सामने आई है. वहीं राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने ऐसी किसी भी घटना के होने से इनकार किया है. जबकि जिला प्रशासन ने पूरे मामले पर चुप्पी साध ली है.
दरअसल, तीन नवंबर के दिन हुए मतदान में भिंड जिले की मेहगांव विधानसभा सीट पर कई बार फर्जी वोटिंग, बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाओं की जानकारी सामने आई थी. खुद ईटीवी भारत के कैमरे में मानगढ़ गांव का ऐसा ही मामला कैद हुआ था, जिसमें मतदाता को वोटिंग के दौरान स्याही नहीं लगाई गई थी, लेकिन मतदान के बाद अब सोशल मीडिया पर राज्य मंत्री और बीजेपी प्रत्याशी ओपीएस भदौरिया के गृह ग्राम अकलोनी गांव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पोलिंग पार्टी द्वारा ही फर्जी मतदान कराने की बात सामने आई है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में यह साफ पता चल रहा है कि यह वीडियो किसी मतदाता द्वारा बनाया गया है, जिसने पोलिंग पार्टी की बड़ी लापरवाही उजागर की. मतदाता पोलिंग पार्टी के पीठासीन अधिकारी को फटकार लगाते हुए उससे सवाल कर रहा है कि वह लोग मतदाताओं को स्याही क्यों नहीं लगा रहे हैं. इसके अलावा उसने वीडियो में आरोप लगाते हुए यह सवाल भी पूछा हैं कि पोलिंग बूथ पर रखी बैलेट मशीन पर मतदाता के अलावा दूसरा व्यक्ति क्यों खड़ा हो रहा है. उसके इन सवालों पर ड्यूटी पर तैनात पोलिंग पार्टी के अधिकारी यह कहते भी नजर आ रहे हैं कि हो सकता है गलती से कोई रह गया हो वरना स्याही सभी को लगाई जा रही है.
गलती की नहीं है गुंजाइश
किसी भी पोलिंग बूथ पर मतदाता को एंट्री से लेकर बैलेट मशीन पर बटन दबाकर मतदान करने तक एक प्रॉपर प्रोसीजर से गुजरना होता है. यहां सबसे पहले मतदाता को अपनी मतदाता पर्ची दिखाना होती है. जिसके आधार पर ड्यूटी पर मौजूद अधिकारी अपने पास मौजूद मतदाता लिस्ट से उसका मिलान करता है. जिसके बाद अगली टेबल पर उस मतदाता की एंट्री की जाती है. तीसरी टेबल पर बैठा अधिकारी उसकी उंगली पर स्याही लगाता है. तब आखिर में जाकर उसे मतदान करने का मौका मिलता है. इस पूरी प्रक्रिया में कहीं भी किसी गलती की यह याद भूलने की गुंजाइश नहीं रहती है. लेकिन वायरल वीडियो में मतदाताओं के हाथ में किसी तरह की स्याही नहीं लगाए जाने की बात सामने आई जो कहीं ना कहीं फर्जीवाड़े की ओर इशारा करती है.
कुछ भी कहने को तैयार नहीं जिला प्रशासन
इस वीडियो के वायरल होने के मामले पर कलेक्टर कुछ भी कहने से साफ इनकार किया है. उनका कहना है कि मतदान पूरा हो चुका है ऑब्जर्वर अपनी रिपोर्ट बनाकर चुनाव आयोग में फाइल कर चुके हैं. ऐसे में इस मामले में उन्हें बोलने का कोई अधिकार अब नहीं है. जो प्रोसीजर है वह अभी अंडर प्रोसेस है. ऐसे में अब चुनाव आयोग आगे तय करेगा कि मतदान केंद्रों पर उन्हें भी पोलिंग करानी है या उन्हें मान्य करना है.