भिंड।अब से ठीक एक साल पहले मध्य प्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसे कांग्रेस ने शनिवार को सम्मान दिवस के रूप में मनाया था. इस मौके पर कांग्रेस की ओर से प्रदेश भर में तिरंगा यात्रा निकाली जानी तय हुई थी. लेकिन कोरोना महामारी के चलते कई जिलों में धारा- 144 लागू हो गई. ऐसे में भिंड में भी धारा-144 लागू होने के चलते कांग्रेस को अपनी तिरंगा यात्रा रद्द करनी पड़ी. इस रैली में मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर शामिल होने वाले थे. लेकिन यात्रा न होने से कांग्रेस का यह कार्यक्रम फेल हो गया है. कांग्रेस जिलाध्यक्ष जयश्रीराम बघेल ने BJP पर षडयंत्र पूर्वक धारा- 144 लागू कराए जाने का आरोप लगाया है.
- नहीं निकल सकी कांग्रेस की तिरंगा यात्रा
कांग्रेस ने शनिवार को सभी जिलों में तिरंगा यात्रा निकाले जाने का बड़ा कार्यक्रम रखा था. यह यात्रा साल भर पहले BJP की ओर से बनाई गई सरकार के विरोध और कमलनाथ द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के सम्मान में निकाली जा रही थी, लेकिन 1 बार फिर कोरोना महामारी के बढ़ने से मध्य प्रदेश के कई जिलों में शुक्रवार रात से ही धारा-144 लागू कर दी गई. भिंड में भी धारा-144 लगाई गई है, जिसके चलते कांग्रेस तिरंगा यात्रा भिंड में नहीं कर सकी. बंगले में आयोजित होने वाली यह यात्रा एक बड़ा इवेंट था. क्योंकि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर भी पहुंचे थे. हालांकि, रैली न होने के चलते वह पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रवाना हो गए.
- ‘एक बार फिर भाजपा ने की प्रजातंत्र की हत्या’
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राम बघेल ने अचानक धारा-144 लागू करने को BJP का षड्यंत्र बताया है. उन्होंने कहा कि ब्रेंड ऐसा क्षेत्र है, जहां अब तक करुणा का कोई व्यापक असर नहीं है. बावजूद इसके सरकार के दबाव में कलेक्टर द्वारा धारा- 144 लगाई गई. जिससे कांग्रेस लोगों तक अपना संदेश नहीं पहुंचा पाए. उन्होंने कहा कि आज अगर चुनाव करा दिए जाए तो कांग्रेस को वोट मिलेंगे और सभी पंचायत, निकाय में कांग्रेस का परचम लहराएगा, लेकिन BJP डर चुकी है. साल भर पहले भी षड्यंत्र रचा था. कांग्रेस के विधायक तोड़े और गलत तरीके से अपनी सरकार बनाई थी. एक बार फिर जब साल भर बाद कांग्रेस अपने तिरंगा यात्रा निकालने जा रही थी, तो उसी कुटिलता से दोबारा धारा-144 लगाकर कांग्रेस के कार्यक्रम को कमजोर करने की कोशिश की है.
- मीडिया से नहीं मिले गुर्जर