भिंड। मध्य प्रदेश में सरकार भले ही किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए फसल खरीदी कर रही हो. साथ ही समर्थन मूल्य पर खरीदी कर किसानों को फसल के उचित दाम देने की बात कह रही हो, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही उस फसल के मुनाफे से ज्यादा नुकसान पहुंचाने पर तुली है. क्योंकि भिंड जिले में जब मौसम आंख मिचोली खेल रहा है तब भिंड के किसानों की हजारों क्विंटल बाजरा, खरीदी केंद्रों पर खुले में रखे होने के कारण बारिश में भीगने के इंतजार कर रही है. इससे किसानों को कितना नुकसान होगा, इस बात का अंदाजा खुद लगाया जा सकता है.
जिले में 8000 से ज्यादा किसानों के पंजीयन के बाद समर्थन मूल्य पर बाजरे की फसल खरीदी के लिए 20 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन ज्यादातर उपार्जन केंद्रों पर आज भी फसलें तुलाई के बाद खुले आसमान के नीचे रखी हुई है. इस बात की जानकारी जब ETV भारत को मिली तो ETV भारत की टीम ने ग्राउंड पर पहुंचकर हालातों का जायजा लिया. जहां देखा कि हजारों बोरियों में भरा बाजरा खुले आसमान के नीचे रखा हुआ है, जिससे मंडी प्रशासन की लापरवाही साफ झलक रही है.
इसको लेकर जब कृषि उपज मंडी में मौजूद किसान नेता संजीव बरुआ से बात की गई तो, उन्होंने कहा कि किसान की हर हाल में दुर्गति हो रही है. पहले अपनी फसल का पंजीयन होने के बाद उसे तुलाई के लिए कई दिनों तक परेशान होना पड़ता है. और अब उसकी फसल खुले आसमान के नीचे रखी है, ऐसे में अगर पर्ची मिलने से पहले बारिश हो जाती है और यह बाजरा खराब हो जाता है तो वह नुकसान किसान के हिस्से में आएगा.
क्या कहता है नियम