भिंड।देश का किसान पिछले कई हफ्ते से दिल्ली की सीमा पर अपने हक के लिए संघर्ष कर रहा है, इस आंदोलन की वजह से काफी तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस बीच भिंड जिले से बड़ा ही सुकून देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक साहूकार के बेटे ने 50 साल पहले 1300 रुपए में गिरवी रखी गई तीन बीघा जमीन को वापस लौटा दिया, जिसे गरीब किसान ने साहूकार के पिता के नाम कर दिया था, जिसकी कीमत आज 20 लाख रुपए से अधिक है, इतना ही नहीं साहूकार ने जमीन की रजिस्ट्री कराने का पूरा खर्च भी उठाया.
50 साल पहले गिरवी रखी थी जमीन
मेहगांव विधानसभा के धनौली गांव के किसान हरिओम सिंह भदौरिया के पिता जनक सिंह एक बड़े किसान थे, जिनके पास साल 1970 में पचरा गांव के सरवन सिंह कुशवाहा ने महज 1300 रुपए कर्ज के बदले अपनी तीन बीघा जमीन जनक सिंह के पास गिरवी रख दी थी, गरीबी के चलते किसान कर्ज नहीं चुका पाया, कर्ज लेने के लंबे समय बाद किसान ने जमीन को साहूकार के नाम कर दी, ताकि उसका कर्ज उतर जाये. इसके बाद साहूकार ने तीन बीघा जमीन के बदले उसका 1300 रुपए कर्ज माफ कर दिया और एक समय आया, जब साहूकार और कर्जदार दोनों ही इस दुनिया से रुखसत हो गए.
गरीबी देख जमीन लौटाने का किया फैसला
सरवन सिंह की मौत के बाद भी उनके परिवार की माली हालत में कोई सुधार नहीं हुआ, उनके तीन बेटे हैं जो मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं. उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए जनक सिंह के बेटे हरिओम सिंह भदोरिया ने वह फैसला लिया जो आज पूरे देश के लिए मिसाल बन रहा है क्योंकि जहां देश का किसान सड़कों पर है. वही हाल ही में हरिओम ने वह गिरवी रखी हुई 3 बीघा जमीन बिना एक पैसा लिए ही सरवन सिंह के बेटे तिलक सिंह को वापस की है. वह भी महल कहने को नहीं बल्कि अपने खर्च पर रजिस्ट्री भी सरनाम के परिवार के नाम कर दी है. जमीन वापस मिलने पर तिलक सिंह और उनका परिवार काफी खुश है.