भिंड| ज़िले की पहली महिला विधायक सुशीला सोबरन सिंह भदौरिया का 95 वर्ष के आयु मे देहांत हो गया.1957 में बनीं पहली महिला विधायक रविवार शाम 6 बजे ली अंतिम सांस. पिछले कुछ दिनों से उनकी स्वास्थ्य खराब होने की सूचना मिल रही थी तो वहीं राजनैतिक गलियारों के साथ साथ क्षेत्र मे भी ग़म का माहोल है.
ऐसा था राजनीतिक सफ़र
स्वर्गीय विधायक सुशीला सोबरन भदौरिया मध्यप्रदेश गठन के बाद 1957 के पहले विधानसभा चुनाव में 218 विधायकों में चुनी गई 18 महिला सदस्यों में से एक थीं. कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर गोहद से विधायक बनीं सुशीला के बारे मे बताया जाता है, कि उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी प्रजासोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी छोटेलाल राजौरिया को हराया था. इसके बाद 1967 में गोहद सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गयी. लेकिन सुशीला दौरिया आम कार्यकर्ता की तरह जनसेवा में लगी रहीं. आरक्षित सीट हो जाने से आगे कभी अवसर नही मिल सका.
स्व. विधायक का अनसुना क़िस्सा..
सुशीला सोबरन भदौरिया गोहद की पहली महिला विधायक तो थीं हीं, उनके चुनाव का क़िस्सा भी बेहद रोचक है.1957 में जब नव गठित मध्य प्रदेश में विधान सभा चुनाव हुए तो पहले चुनाव की घोषणा के बाद सभा के दौरान उन्हें सूचना दी गयी कि गोहद से उन्हें चुनाव लड़ना है. पहले से कोई तैयारी नही थी. ऐसे में क्षेत्र के लोगों अथवा रिस्तेदारों द्वारा चंदा इकट्ठा कर चुनाव लड़ीं और जीत भी दर्ज करायीं.
पहली महिला विधायक सुशीला सोबरन सिंह भदौरिया का 95 साल की उम्र में निधन, 1957 में गोहद से बनी थीं विधायक
भिंड की पहली महिला विधायक सुशीला सोबरन सिंह भदौरिया का रविवार शाम को निधन हो गाय. 1957 मे गोहद विधानसभा से पहली महीला विधायक चुनकर आईं थीं. सोमवार सुबह गोहद के वेसली डैम स्थित मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार होगा.
सुशीला सोबरन भदौरिया
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बता दें कि स्व.विधायक सुशीला सोबरन भदौरिया स्वतंत्रता सेनानी भी रही हैं. इसके साथ ही वे हास्य टेलिविज़न धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में ‘बाबरी’ का किरदार निभा चुकी मोनिका भदौरिया की दादी थीं. काफ़ी लम्बे समय तक अस्वस्थ रहने के चलते रविवार शाम को उनका निधन हो गया. अब उनका अंतिम संस्कार सोमवार सुबह गोहद के वेसली डैम स्थित मुक्तिधाम पर होगा.