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इस शिक्षक को राष्ट्रपति, PM-CM से मिला सम्मान, लेकिन बेटी के लिए सिस्टम से नहीं मिल पा रहा न्याय...

भिंड जिले के शिक्षक राजनारायण राजौरिया शिक्षा को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी सम्मानित कर चुके हैं. लेकिन यह शिक्षक पिछले दो सालों से न्याय के लिए ठोकरें खा रहे हैं. ये न्याय उन्हें अपने लिए नहीं ब्लकि अपनी बेटी के लिए चाहिए, जो सिस्टम की उदासीनता और लापरवाही की वजह से उन्हें नहीं मिल पा रहा. पढ़ें पूरी खबर...

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शिक्षक राजनारायण राजौरिया

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Published : Sep 21, 2020, 2:43 PM IST

भिंड।माता-पिता के बाद एक शख्स की जिंदगी में उसके लिए सबसे सम्मानित दूसरा व्यक्ति सिर्फ गुरू यानी शिक्षक ही होता है. वो शिक्षक जो सही-गलत के बीच का अंतर बताता है. शिक्षक ही हमें सदा न्याय की राह पर चलने की सीख देते हैं. लेकिन भिंड में एक ऐसे शिक्षक हैं जो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक से शिक्षा में दिए अपने योगदान के लिए सम्मानित हो चुके हैं. लेकिन वे खुद अपनी बेटी को न्याय नहीं दिला पर रहे हैं.

शिक्षक राजनारायण राजौरिया लड़ रहे जंग

भिंड जिले के राजनारायण राजौरिया गणित के शिक्षक हैं, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम किया. उनके योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया गया. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एक बार उन्हें राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित कर चुके हैं और राज्य स्तरीय सम्मान तो न जाने कितनी बार मिल चुके हैं. लेकिन ये सभी तमाम सम्मान आज राजौरिया सर के किसी काम नहीं आ रहे. राजनारायण राजौरिया वह शिक्षक हैं जो गणित पढ़ाते-पढ़ाते अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए कानून पढ़ने लगे. पिछले दो सालों से अपनी शादीशुदा बेटी को न्याय दिलाने के लिए न सिर्फ पुलिस बल्कि कई अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इस सिस्टम से उन्हें न्याय नहीं मिल रहा. हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी है.

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से सम्मानित

दामाद के खिलाफ की है शिकायत

शिक्षक राजौरिया की शिकायत अपने ही दामाद विनय मिश्रा के खिलाफ है. जिसने शादी के कुछ दिनों बाद ही उनकी बेटी को घर से निकाल दिया. जिसने न सिर्फ उनकी बेटी की जिंदगी नर्क बना दी बल्कि आरोपों के मुताबिक वह एक बहुत बड़ा फ्रॉड भी है. जानकारी के मुताबिक विनय ने एक ही समय में दो शासकीय नौकरियां की हैं, वो भी एक मध्य प्रदेश तो दूसरी उत्तर प्रदेश में. बता दें, यह महज आरोप नहीं है. शिक्षक राजनारायण राजौरिया ने अपने आरोपों को साबित करने के लिए सूचना के अधिकार (RTI) के तहत प्रमाणित जानकारियां निकाली हैं और पुलिस को भी दी हैं. इसके बावजूद मामला पिछले दो साल से ठंडे बस्ते में पड़ा रहा. आरोपी दामाद के खिलाफ मामला तो दर्ज हो गया है. लेकिन आज तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. लिहाजा निराश शिक्षक राजनारायण राजौरिया ने सिस्टम के खिलाफ भी लड़ाई शुरू की और जब सुनवाई भिंड जिले में नहीं हुई तो नवंबर 2019 में उन्होंने भोपाल पुलिस विभाग के DGP से मुलाकात की.

PM मोदी से सम्मानित

जब भोपाल DGP ने भिंड पुलिस को मामले की जांच और कार्रवाई के लिए निर्देशित किया तो मामले में CSP द्वारा जांच शुरू की गई और 10 महीने के अंदर पूरी कार्रवाई हुई. कार्रवाई होने के बाद भी अब तक पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है. जिस कारण उनके हौसले काफी बुलंद होते जा रहे हैं. आलम ये हो गया है कि अब उनके परिवार को धमकियां मिलने लगी है.

2017 में हुई शुरूआत

राजनारायण राजौरिया ने साल 2017 में अपनी बेटी की शादी वर्तमान में जिले के शास्त्री नगर में रहने वाले उत्तर प्रदेश निवासी विनय मिश्रा से की थी जो आरटीओ में आरक्षक के पद पर पदस्थ था. लेकिन शादी से पहले अपना सिलेक्शन सूबेदार पद के लिए हो जाने की झूठी बात कहकर उसने शादी कर ली. जब शादी हुई तो सारा मामला खुल कर बाहर आया और महज 15 दिन में ही उसने अपनी पत्नी को घर से बाहर निकाल दिया.

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शिक्षक राजौरिया की पीड़ित बेटी ने बताया कि उसका पति विनय शादी के कुछ दिन बाद से ही उसे परेशान करने लगा, मारपीट करने लगा यहां तक कि वे उसके हाथों में गुटखे की पीक तक थूकता था. जब वह मना करती तो चेहरे पर थूक देता था. इस तरह लगातार उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया जाने लगा और विरोध करने पर कहा जाता कि हमने बहुत गलत काम किए हैं, कोई हमारा आज तक कुछ नहीं बिगाड़ पाया. तुम से जो बने वह कर लेना. 15 दिन में ही पीड़िता को घर से बाहर निकाल दिया गया, जिसके बाद उसने अपने परिवार वालों से संपर्क कर वापस मायके का रुख किया और सारी बात घरवालों को बताई. तब से ही राजौरिया और उनका परिवार दामाद विनय और उसके परिवार को सजा दिलाने के लिए जंग लड़ रहे हैं क्योंकि वे चाहते हैं कि जो उनके साथ हुआ वह किसी और के साथ ना हो.

जिंदगी को नई दिशा देने वाले शिक्षक ही जब सिस्टम की वजह से दिशाहीन होकर निराश हो जाए तो उन तमाम सम्मान और पुरस्कारों के क्या मायने माने जाएं जो लंबे-लंबे भाषणों के साथ मंच पर दिए गए. शिक्षक राजनारायण राजौरिया की जंग अभी खत्म नहीं हुई है. उनकी बेटी के ससुराल पक्ष की ओर से अब उन्हें धमकियां मिलने लगी हैं. जिसके बाद अब उनकी एक और जंग शुरू हो गई है. ETV भारत इस खबर के जरिए उन्हें जल्द न्याय मिलने की मांग करता है.

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