भिंड। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री शनिवार को जिले के एक दिवसीय प्रवास पर रहे. इस दौरान उन्होंने भिंड में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में हिस्सा लिया. जबकि पत्रकारों से भी प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश में शिक्षा क्षेत्र के लिए भविष्य की प्लानिंग पर भी अपनी राय रखी.
देरी से पहुंचे उच्च शिक्षा मंत्री, औपचारिकता बना सम्मान समारोह - minister late
भिंड जिले का नाम देश के साथ-साथ विदेशों में रोशन करने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रतिभा सम्मान का आयोजन किया गया. जिसमें शामिल होने आए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने देरी से पहुंचे. जिससे ये कार्यक्रम महज औपचारिकता रह गया.
हालांकि मंत्री कार्यक्रम के निर्धारित समय से 2 घंटे देरी से पहुंचे, जिसकी वजह से सम्मान समारोह खानापूर्ति में बदल गया. बिना इंट्रोडक्शन के ही प्रतिभाशाली बच्चों के हाथों में फील्ड थमा कर आगे बढ़ा दिया गया. ये वे छात्र थे, जिन्होंने जूड़ों, ताइक्वांडो, कबड्डी और फुटबॉल जैसे खेलों में जिले का नाम देश और विदेशों में रोशन किया है.
उच्च शिक्षा मंत्री ने पत्रकारों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि से 2035 तक की प्लानिंग हमने की है. जिसमें 15 सरकारी विश्वविद्यालय, 35 प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 500 से ज्यादा कॉलेज हैं. इनमें 19 लाख से ज्यादा छात्र हैं, जिन्होंने स्नातक और स्नातकोत्तर में प्रवेश लिया है. उन्होंने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि अगस्त माह से कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और नवंबर तक फिजिकल क्लास की शुरुआत करने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग अपनी तैयारी कर रहा है. उन्होंने बताया कि 6 लाख विद्यार्थियों के लिए इस बार परीक्षा का पैटर्न कोरोना की वजह से बदला गया है. इसके अलावा मंत्री ने भविष्य में परीक्षा के लिए नई नीति बनाने के संकेत दिए हैं.