भिंड। जिले के लहार विधायक और पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह नदी बचाओ सत्याग्रह के तहत यात्रा निकाल रहे हैं. वहीं इस यात्रा को कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए रमेश दुबे ने रेत का धंधा बचाओ यात्रा करार दिया है, साथ ही कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं.
दरअसल चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों का यात्राओं से गहरा नाता रहा है, इसलिए विधानसभा चुनाव से पहले दिग्विजय सिंह ने नर्मदा परिक्रमा यात्रा की थी जिसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई थी, तो वहीं अब दिग्विजय सिंह के समर्थक और चंबल अंचल के कद्दावर नेता राठौर गोविंद सिंह द्वारा उप चुनाव से ठीक पहले नदी बचाओ यात्रा की जा रही है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस यात्रा के जरिए कांग्रेस आगामी उपचुनाव के लिए वोट बैंक बनाने का प्रयास करेगी, क्योंकि 27 में से सबसे ज्यादा 16 सीट ग्वालियर चंबल अंचल में आती हैं.
डॉक्टर रमेश दुबे ने यात्रा पर उठाए सवाल
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो कहीं ना कहीं से यात्रा के जरिए कांग्रेस वोट बैंक बनाने की तैयारी में जुट चुकी है. वहीं यात्रा से पहले ही इस पर सियासत भी शुरू हो गई है. जहां कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए डॉक्टर रमेश दुबे ने इस यात्रा पर सवाल उठाते हुए डॉक्टर गोविंद सिंह पर सीधे आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि भिंड जिले में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन डॉक्टर गोविंद सिंह के संरक्षण में ही होता आया है. उन्होंने कहा कि अब उनके रेत के अवैध कारोबार पर रोक लग चुकी है, इसलिए वह यात्रा कर रहे हैं.
गोविंद सिंह की यात्रा पर कसा तंज
डॉक्टर रमेश दुबे ने सीधा हमला करते हुए कहा कि गोविंद सिंह की यात्रा नदी बचाओ यात्रा ना होकर रेत का धंधा बचाओ यात्रा है. अगर डॉक्टर गोविंद सिंह को नदियों की इतनी ही चिंता होती तो वह पिछले 30 साल से अधिक समय से विधायकी में है, जिसमें वे मंत्री भी रहे. सिंध को छलनी नहीं होने देते. उन्होंने कहा कि ऐसे में यह कहावत चरितार्थ हो रही है कि 'कसाई ही बकरे की सलामती के लिए दुआ कर रहा है'.