भिंड। कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान और असर रोज कमाने खाने वाले छोटे रेहड़ी हाथ ठेला और पथ विक्रेताओं पर पड़ा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री की एक पहल ने रेहड़ी लगाने वालों के लिए रोजगार का द्वार खुला है. इस योजना को पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि का नाम भी दिया गया है.
सीएम जता चुके नाराजगी
कोरोना के दौरान प्रभावित हुए पथ विक्रेताओं को फिर से अपनी आजीविका चलाने और व्यापार पटरी पर लाने के साथ ही नया काम शुरू करने वालों के लिए भी लाई गई स्ट्रीट वेंडर योजना का क्रियान्वयन उम्मीद से भी सुस्त चल रहा है, यही कारण है कि भिंड में हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी के शुरुआती हफ्ते में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई समीक्षा बैठक में जिले के बैंक अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए दो टूक चेतावनी दी थी, क्योंकि इस समय भिंड जिले में लोन का लक्ष्य मात्र 23 फ़ीसदी ही था, हालांकि वर्तमान में भेजे गए प्रकरणों में अब जाकर यह 45 फ़ीसदी के पास पहुंच पाया है.
लक्ष्य से ज्यादा पंजीयन, लोन के मामले में फिस्सडी भिंड
इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन का आधार नगर पालिका और जिला शहरी विकास अभिकरण विभाग द्वारा कराया जा रहा सर्वे है, वैसे तो शासन ने भिंड जिले के लिए 10 हजार 636 का लक्ष्य तय किया था, लेकिन यहां कराए इस सर्वे के अनुसार भिंड जिले में 13 हजार 337 पथ विक्रेताओं को पंजीकृत किया गया है, जिसमें भिंड नगर पालिका क्षेत्र के 5049 हितग्राही पंजीकृत हैं. यह वह वेंडर है जिन्होंने ऑनलाइन, ऑफलाइन प्रक्रिया के माध्यम से नगरपालिका में पथ विक्रेता के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है. हालांकि एसआरएन(Service Request Number) की कमी की वजह से कई आवेदन निरस्त हो गए. नगर पालिका सीएमओ और जिला शहरी विकास अभिकरण के प्रभारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि शासन से प्राप्त लक्ष्य से ज्यादा हितग्राहियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन जब तक शासन से एसआरएन नंबर नहीं मिलता तब तक प्रतिवेदन बैंक को नहीं भेजा जा सकता. भिंड नगर पालिका क्षेत्र में भी पंजीकृत 5049 में से सिर्फ 2911 हितग्राहियों के एसआरएन शासन से प्राप्त हुए थे, जिनमें से बैंक को करीब 1798 प्रकरण भेजे गए हैं लेकिन बैंक ने अब तक 840 आवेदन में ही लोन वितरण किया है, जबकि 958 हितग्राहियों को जल्द ही लोन वितरित कर दिया जाएगा.
कई वेंडर्स नही लेना चाहते लोन
सीएमओ सुरेंद्र शर्मा द्वारा यह भी बताया गया कि पंजीकृत हितग्राहियों में ऐसे कई लोगों ने स्ट्रीट वेंडर योजना के तहत लोन के लिए मना कर दिया है, जिनकी संख्या भिंड नगर पालिका क्षेत्र में 414 और जिले में 804 है. वहीं भिंड नगरपालिका के अंतर्गत 267 हितग्राहियों के दस्तावेजों की कमी के चलते आवेदन निरस्त हो गए, जिनकी संख्या जिले में 801 है. इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान भिंड जिले में वापस आए प्रवासी हितग्राहियों में से करीब 662 हितग्राही जिले से बाहर जा चुके हैं और करीब 137 प्रकरणों को भिंड जिले में बैंक द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया है.