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वन स्टॉप सेंटर कई मायनों में हैं खास, जानिए कैसे महिलाओं के लिए वरदान बन गए हैं वन स्टॉप सेंटर?

MP में महिला अगर किसी भी तरह की हिंसा झेलती है तो उसकी जल्द से जल्द मदद के लिए वन स्टॉप सेंटर (Bhind one stop center) को बनाया गया है. यह योजना नारी निकेतन की वैकल्पिक व्यवस्था है. इसमें वैक्सीनेशन के लिए भी अलग तरह की व्यवस्था है. जानिए क्या है नारी निकेतन और वन स्टॉप की खासियत और भिंड में कैसे कर रहा है ये महिलाओं की मदद.

One stop center helpful to woman
महिला के लिए उपयोगी वन स्टॉप सेंटर

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Published : Dec 30, 2021, 1:23 PM IST

Updated : Dec 30, 2021, 5:32 PM IST

भिंड। हमारे समाज में आज कई ऐसी महिलाएं हैं जो किसी ना किसी रुप में अपराध का शिकार बनती हैं. अगर उन्हें किसी की मदद की जरूरत पड़ती है तो अक्कसर देखा गया है कि उनकी मदद करने वाला नहीं मिलता. ऐसी महिलाएं जो किसी अपराध की सजा काटने के बाद भी समाज का हिस्सा नहीं बन पा रही हैं, या समाज द्वारा उन्हें अपनाया नहीं जा रहा है, ऐसी महिलाओं, युवतियों और बालिकाओं को मदद मुहैया कराने और आश्रय देने के मकसद से देश के कुछ राज्यों के साथ ही मध्यप्रदेश में भी नारी निकेतन की शुरुआत हुई थी.

क्या है नारी निकेतन?

मध्यप्रदेश में नारी निकेतन संभाग स्तर पर बनाए गए हैं. नारी निकेतन अनाथ, विधवा, निराश्रित, तिरस्कृत, परित्यक्ता महिलाओं को आश्रय और सहारा प्रदान करने और उनके निःशुल्क परिपालन और पुर्नवास के लिए खोला गया है. ऐसे में जिला स्तर पर इसका फायदा महिलाओं तक कैसे पहुंचे इसकी वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सरकार द्वारा सखी वन स्टॉप सेंटर खोले गए हैं, जिनकी देखरेख और संचालन महिला और बाल विकास विभाग की मदद से की जाती है. (One stop center helpful to woman)

वन स्टॉप सेंटर योजना

वन स्टॉप सेंटर योजना, भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2015 को हिंसा प्रभावित महिलाओं का समर्थन करने के लिए लागू किया था. ये योजना मूल रूप से ‘सखी’ के नाम से जानी जाती है. इस योजना को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने तैयार किया है. इसके जरिए पूरे देश में प्राइवेट और सार्वजनिक दोनों स्थानों पर हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही जगह पर सभी लोगों को लाकर समर्थन और सहायता देने के लिए कई वन स्टॉप सेंटर बनाए गए हैं. 'वन स्टॉप सेंटर स्कीम’ का मतलब है एक ऐसी व्यवस्था, जहां हिंसा से पीड़ित कोई भी महिला सभी तरह की मदद एक ही छत के नीचे एक साथ पा सकती है. इन सेंटर्स को अस्पतालों में चलाया जाता है.

कैसे वन स्टॉप सेंटर काम करता है?

चम्बल संभाग का मुख्यालय मुरैना होने से भिंड जिले में नारी निकेतन तो नहीं है, लेकिन सखी वन स्टॉप सेंटर जरूर संचालित किया गया है. इस योजना के अंतर्गत OSC हिंसा, जाति, वर्ग, धर्म, सेक्सुअल ओरिएंटेशन या फिर किसी भी तरह की वैवाहिक स्थिति से प्रभावित पीड़ित महिलाओं, जिसमें 18 साल से कम आयु की बालिकाएं भी शामिल हैं, उनको मदद मुहैया करायी जाती है. साथ ही 18 साल से कम आयु की बालिकाओं की सहायता के लिए लैंगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 और किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के अंतर्गत गठित संस्थाओं को भी सेन्टर से जोड़ा जाता है. (How one stop center scheme works in Bhind)

सुरक्षा के साथ मदद पर भी है ध्यान

भिंड के मुख्य बाजार स्थित धनवंतरी कॉम्प्लेक्स में संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए पुलिस, चिकित्सा, कानूनी सहायता, काउन्सलिंग, मनोवैज्ञानिक सहायता सहित कई सेवाओं के लिए तत्काल, आपातकालीन और गैर-आपातकालीन सहायता प्रदान की जाती है.

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नारी निकेतन की वैकल्पिक व्यवस्था है वन स्टॉप सेंटर

भिंड में पदस्त महिला और बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अब्दुल गफ्फार ने बताया कि, सखी वन स्टॉप सेंटर नारी निकेतन के मुकाबले एक वैकल्पिक व्यवस्था है. यहां महिलाओं और बालिकाओं को 5 दिन तक ही रुकने की व्यवस्था है, इसके बाद उन्हें ग्वालियर स्थित नारी निकेतन में शिफ्ट किया जाता है.

कोविड वैक्सिनेशन के लिए बनाई गई अलग टीम

कोविड वैक्सिनेशन के लिए अलग से टीम बुलायी जाती है. इस कोरोना काल में वन स्टॉप सेंटर में रखी गयी महिलाओं और बालिकाओं को भी कोविड के खतरे को देखते हुए वैक्सीन लगाए जाने की व्यवस्था की गयी है. जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि, वर्तमान में सखी सेंटर में सिर्फ एक ही बालिका है, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेंटर पर पहुंचकर उसका कोविड टीकाकरण किया था. उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले भी जब वैक्सिनेशन की शुरुआत हुई थी, उस दौरान भी सेंटर में रह रही सात महिलाओं और बालिकाओं को भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आकर कोविड वैक्सीन लगायी थी.

वन स्टॉप सेंटर में कमियां क्या है?

जैसे की वन स्टॉप सेंटर में किशोर न्याय अधिनियम के तहत लाई गई बालिका और युवतियों को भी रखा जाता है, ऐसे में सुरक्षा की चूक की वजह से कई महिलाएं और बालिकाओं के भागने की भी घटना सामने आई हैं. वहीं जिस बिल्डिंग में वन स्टॉप सेंटर चलाया जा रहा है, वह पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. साथ ही भीड़ भाड़ वाले इलाके में होने की वजह से यहां पर पुलिस की पूरी तरह से निगरानी नहीं रह पाती है. यदि इन व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए तो सखी सेंटर ज्यादा सुरक्षित हो सकेंगे.

Last Updated : Dec 30, 2021, 5:32 PM IST

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