भिंड। वैसे तो बिजली बिल वसूली को लेकर बिजली विभाग वसूली अभियान चलाता रहता है, लेकिन इस बार बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं से बिजली बिल बकाया वसूली करने के लिए नया पैंतरा अपनाया है, जिस पर सवाल उठ रहे हैं. दरअसल बिजली विभाग ने कलेक्टर के जरिये एक फरमान जारी कराया है. जिसमें कहा गया है कि जिन पर लाखों का बिजली बिल बकाया है और उन पर बंदूक का लाइसेंस भी है, तो ऐसे बकायादारों के बिल न भरने पर लाइसेंस रद्द किया जाएगा.बता दें कि भिंड जिले में ही उपभोक्ताओं पर 963 करोड़ का बकाया है.
भिंड में 963 करोड़ का है बकाया
बकाये की बात करें तो भिंड जिले में बिजली उपभोक्ताओं पर कम्पनी का क़रीब 963 करोड़ का भुगतान बकाया है और ऐसे क़रीब 2.5 लाख उपभोक्ता हैं. वहीं बकायादारों में भिंड डिवीजन की बात की जाए तो क़रीब 11 हज़ार उपभोक्ताओं पर क़रीब 300 करोड़ का बिल बकाया है. वहीं रिकवरी की बात करें तो मार्च महीने में काफ़ी मशक़्क़त के बाद भी बिजली विभाग महज़ 10 करोड़ के करीब ही बिल क्लीयर कर पायाा था. भिंड के ताज़ा हालातों में वसूली अभियान चलाने के बाद 1 जून से 22 जून तक बिजली विभाग ने क़रीब डेढ़ करोड़ की बकाया राशि वसूल की. जिनमें सरकारी दफ़्तरों पर चल रहे बकाया बिल भी शामिल हैं. जिससे स्पष्ट है कि वसूली कम हो रही है.
बिजली विभाग पहले भी उठाता रहा है इस तरह के कदम
यह पहली बार नहीं है जब बिजली कम्पनी द्वारा वसूली के लिए इस तरह की धमकियां दी जा रही हैं. दो साल पहले तक कंपनी बकायादरों द्वारा भुगतान न करने पर ब्लैकलिस्ट कर बिजली कनेक्शन काट देती थी, दो साल पहले साल 2019 में भी इसी तरह चम्बल अंचल में उपभोक्ताओं के बंदूक़ के लाइसेन्स रद्द कराने की धमकी भी दी थी. इसके बाद साल 2020 में भी बकायादारों की सम्पत्ति कुर्क कर बिल वसूली का नोटिफ़िकेशन दिया गया था, वहीं फ़रवरी 2021 में तो बड़े बकायादारों के नाम सार्वजनिक तौर पर शर्मिंदा करने के लिए चौराहों और बिजली घरों पर टांग दिए गए थे. और अब एक बार फिर हथियारों के लाइसेन्स रद्द कराने का डर बिजली विभाग दिखा रहा है.हालांकि कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ कनेक्शन ही काटे गए हैं.
बिजली विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल