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संवेदनहीनता! नर्स ने मांगे 5 हजार, नहीं देने पर जिला अस्पताल के बाहर हुई डिलीवरी, ठंड से नवजात की मौत - एमपी लेटेस्ट न्यूज

भिंड जिला अस्पताल से शर्मनाक तस्वीर सामने आयी है. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की एक नर्स ने प्रसूता की डिलीवरी के लिए 5 हजार रुपए की मांग की थी, नहीं देने पर उन्हें हॉस्पिटल से निकाल दिया. दर्द से तड़पती महिला ने गेट पर ही बच्चे को जन्म दिया, नवजात की ठंड और इलाज के अभाव में मौत हो गई. अब प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय टीम बनाई है. (Negligence in Bhind District Hospital)

Negligence in Bhind District Hospital
भिंड जिला अस्पताल में लापरवाही

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Published : Jan 25, 2022, 6:45 PM IST

भिंड। ज़िला अस्पताल में एक नर्स की लापरवाही और संवेददनहीनता ने एक नवजात की जान ले ली. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि प्रसूता की डिलीवरी के लिए अस्पताल के नर्स ने 5 हजार की मांग की थी, और नहीं देने पर जिला अस्पताल के दरवाजे पर प्रसव ने बच्चे को जन्म दिया, जिसकी ठंड से मौत हो गयी. अब मामले में अस्पताल प्रबंधन जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहा है.

भिंड जिला अस्पताल में लापरवाही
5 हजार नहीं देने पर हॉस्पिटल से निकाला!
जिला अस्पताल में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ द्वारा घूस मांगे जाने की खबरें तो कई बार सामने आई है, लेकिन बीती रात 5 हज़ार की मांग पूरी न करने पर एक प्रसूता ने अपने नवजात को खो दिया. जानकारी के मुताबिक, बरासों क्षेत्र के रनुपुरा गांव में रहने वाले रामलखन मिर्धा की पत्नी कल्लो 8 माह की गर्भवती थी. सोमवार रात अचानक उसकी तबियत खराब हुई, परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल में भर्ती किया. आरोप है कि मेटरनिटी वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने किसी प्राइवेट हॉस्पिटल ले जाने का दबाव बनाया. बाद में नर्स ने 5 हज़ार रुपये की मांग की. प्रसूता की हालत बिगड़ते देख परिजनों ने काफी हाथ जोड़े, लेकिन नर्स द्वारा उन्हें पैसे न देने पर अस्पताल से बाहर कर दिया गया.

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हॉस्पिटल गेट पर डिलीवरी
परिजन के मुताबिक, दर्द से बिलखती प्रसूता का अस्पताल परिसर में ही प्रसव हो गया लेकिन कोई भी नर्स उनकी मदद को नहीं आई. कुछ देर में ही नवजात की ठंड और इलाज के अभाव में मौत हो गयी. पीड़ित की सास का कहना था कि वे सिर्फ पेट दर्द होने पर दिखाने आये थे, साथ में कपड़े तक नहीं लाए थे. लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया. उनका कहना है कि अगर उनके पास 5 हज़ार रूपये होते तो शायद उनके घर का चिराग आज जिंदा होता. परिजन ने मामले में पुलिस में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है.
3 सदस्यीय जांच टीम गठित
इस पूरे मामले में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अनिल गोयल का कहना है कि मामला गंभीर है. उनके मुताबिक डॉक्टर ने उन्हें बताया था कि प्रसूता का गर्भ 6 माह का था. परिजन उसे प्राइवेट अस्पताल में ले जा रहे थे इसी बीच उसकी डिलीवरी हो गयी और बच्चे की मौत हो गयी. हालांकि परिजनों के आरोपों को देखते हुए 3 सदस्यी जांच दल गठित कर दिया गया है जो बच्चे के पोस्टमार्टम के बाद अपनी जांच पूरी करेगा, मामले में अगर किसी की गलती पाई जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. (Negligence in Bhind District Hospital)

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