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कोरोना की दस्तक के बाद भी भिंड में बरती जा रही लापरवाही, नहीं मिल रहीं PPE किट

भिंड जिला अस्पताल में कोरोना सैंपलों की जांच कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. कर्मचारियों को न तो पीपीई किट मिल रही है और ना ग्लब्स. जिससे संक्रमण बढ़ने का खतरा बना हुआ है. हालांकि कलेक्टर ने मामले में जांच की बात कही है.

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Published : May 10, 2020, 9:50 PM IST

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भिंड न्यूज

भिंड। भिंड जिले में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है. पहला कोरोना मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या जिले में कोरोना से निपटने के लिए तमाम सुविधाए मौजूद हैं. क्योंकि जिन लोगों को कोरोना योद्धा बनाकर सबसे आगे खड़ा कर दिया गया है, उन्हीं योद्धाओं की सुरक्षा से ना केवल खिलवाड़ हो रहा है बल्कि महामारी फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है.

भिंड में कोरोना की दस्तक के बाद भी बरती जा रही लापरवाही

किसी भी बाहर से आए या संदेहास्पद शख्स की जांच सबसे पहला काम है. लेकिन भिंड जिला अस्पताल में बनाई गई कोड ओपीडी यूनिट के हालात ठीक नहीं है. कोविड-19 की जांच के लिए बनाई गई इस शाखा में बाहर से आने वाले लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. जबकि जरूरत के हिसाब से सैंपल लेने की व्यवस्था भी की गई है. लेकिन अंदर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों के पास ना तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं ना बाहर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए पर्याप्त साधन.

नहीं हो रही सोशल डिस्टेसिंग

स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं मिल रही पर्याप्त सुविधाएं

भिंड जिला अस्पताल में हालात यह हैं कि कुछ स्वास्थ्य कर्मी बिना ग्लब्स के ही काम कर रहे हैं. जबकि ना ही उनके पास पीपीई किट और न एन95 मास्क. जबकि इन्ही स्वास्थ्य कर्मचारियों के जिम्मे कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने की जिम्मेदारी है. खास बात यह भिंड जिले में जो पहला कोरोना मरीज मिला है. उसकी जांच भी इन्ही स्वास्थ्य कर्मचारियों ने की थी. ऐसे में चिंता बढ़ी हुई है.

पीपीई किट की है कमी

पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं PPE किट

जिला अस्पताल भिंड में पर्याप्त मात्रा में पीपीई किट भी नहीं है. इस बात की जानकारी खुद जिले के सीएमएचओ ने दी थी. ऐसे में अगर कोई ओपीडी में कोरोना से संक्रमित व्यक्ति की जांच के लिए आता है, तो अनजाने में स्क्रीनिंग कराने आए या ओपीडी में मौजूद कर्मचारियों को भी संक्रमित कर सकता है. इसके अलावा एक बड़ी लापरवाही भी देखने को मिली है कि अक्सर सैंपल के दौरान दो स्वास्थ्य कर्मी सैंपल इन करते हैं. लेकिन यहां भी ईपी168 किट केवल उसी कर्मचारी को मिली है जौ सैंपल लेगा. जबकि बाहर से सपोर्ट दे रहा दूसरा कर्मचारी भी लगातार संदिग्ध के संपर्क में रहता है. कई बार बिना ग्लब्स उतारे ही एक के बाद एक सैंपल करा दिए जाते हैं. इस तरह वायरस फैलने का कितना खतरा हो सकता है यह खुद अंदाजा लगाया जा सकता है.

नहीं मिल रही पर्याप्त सुविधाएं

कलेक्टर ने दी मामले में सफाई

वही इस पूरे मामले में भिंड कलेक्टर छोटे सिंह का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के अपने प्रोटोकॉल हैं. उसके तहत सभी सुरक्षा मानक पूरे किए जाते हैं. अगर फिर भी लापरवाही हो रही है या स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क और किट नहीं मिल रहे हैं. तो वे इस व्यवस्था को जल्द दुरुस्त कराएंगे. लेकिन बड़ा सवाल है यह कि जब जब पहली चौखट कमजोर हो तो इमारत ढहने में ज्यादा समय नहीं लगता. ठीक उसी तरह समय रहते स्वास्थ्य और जिला प्रशासन ने इन अनियमितताओं पर ध्यान नहीं दिया. तो जल्द भिंड जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल सकता है.

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