भिंड। दिसम्बर का महीना शुरू होते ही मौसम में बदलाव देखने को मिल रहे हैं. गुरुवार को हुई हल्की बूंदा-बांदी से मौसम में ठंडक के साथ सर्द हवाएं (MP Weather Update) शुरू हो गयी हैं. जिले में भी तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. मौसम में आए इस बदलाव के साथ ही कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है. कितनी नुकसानदायक है यह ठंड और किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी, जानिए इस खास रिपोर्ट के जरिए.
दिसंबर में पड़ रही कड़ाकेदार ठंड
वैसे तो लोग गर्मी के मौसम (today temperature in bhind) में तपन बर्दाश्त नहीं कर पाते, लेकिन सर्दी का मौसम भी ठंड से कपकपा देता है. दिसंबर महीने में सर्दी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. दिन में धूप और रातें सर्द होने लगी हैं. सर्दी के मौसम में लोग गर्म पकवान, चाय और अलाव का लुफ्त उठाते हैं, लेकिन कई लोगों के लिए मौसम जानलेवा भी साबित होता है. इस सर्द मौसम का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों और बच्चों पर होता है.
बुजुर्गों पर ठंड का ज्यादा प्रभाव
जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अजीत मिश्रा का कहना है कि ठंड के मौसम (cold in bhind) में उम्र की वजह से बुजुर्गों में इम्यूनिटी कम हो जाती है. ऐसे में ठंड सहन करने की क्षमता पर भी असर पड़ता है. अमूमन सर्दी के मौसम में बुजुर्गों को लकवा और ब्रेन हेमरेज (brain hemorrhage patient in bhind) होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. उम्रदराज लोगों को देखभाल की जरूरत ज्यादा होती है. वहीं बच्चों में भी हाइपोथर्मिया का खतरा रहता है.
हल्के में न लें सर्दी जुकाम
डॉक्टर मिश्रा का कहना है कि सर्दी के मौसम में वाइरल बुखार और मौसमी सर्दी खांसी के साथ डीहाइड्रेशन (dehydration cure) भी होना आम बात है. सही समय पर इसका इलाज न लेना लम्बे समय तक अपको परेशान कर सकता है. ऐसा होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर लें. उन्होंने बताया कि कोरोना का खतरा बना हुआ है ऐसे में आम सर्दी खांसी और कोरोना के लक्षण में भी समानताएं होने से खतरा हो सकता है.
ठंड में ये सावधानियां हैं जरूरी
सर्दी से बचाव के लिए सीएमएचओ ने बताया कि बुजुर्ग लोगों को पैरालेसिस और ब्रेन हेमरेज का खतरा होता है. ऐसे में सुबह-शाम की ठंड से बचना चाहिए. यदि उन्हें सुबह-शाम घूमने की आदत है, तो इस मौसम में बेवजह बाहर निकलने से परहेज करें. गर्म कपड़े पहने, बासी भोजन न करें, पौष्टिक और संतुलित आहार लें, फ्रिज की ठंडी चीजों का सेवन न करें. साथ ही उन्होंने बताया की सर्दी की मौसम में प्यास कम लगती है, जिसकी वजह से स्किन डिसीज या यूटीआई की समस्या होती है. सर्दी के मौसम में खुद को हाइड्रेट रखने के लिए 10-12 ग्लास पानी जरूर पियें.
नगर पालिका भी व्यवस्था में जुटी
भिंड नगर पालिका ने सर्दी शुरू होते ही रैन बसेरों में आने वाले यात्रियों को रात्रि विश्राम के लिए बस स्टैंड और जिला अस्पताल परिसर में बने रैन बसेरों में निशुल्क बिस्तर और कम्बल की व्यवस्था कर दी है, लेकिन अलाव को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है. अधिकारियों के मुताबिक पारे में कुछ और गिरावट होने पर लकड़ी का इंतजाम किया जाएगा.