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MP Seat Scan Bhander: इंडिया डिजिटल के दौर में भी पिछड़ेपन का शिकार नजर आता है भांडेर, जानें इस बार किसे MLA बनाएगी जनता - mp assembly election 2023

Bhander Vidhan Sabha Seat: मध्यप्रदेश में साल के अंत से पहले ही कभी भी विधानसभा चुनाव हो सकते हैं, ये चुनाव इस बार ना सिर्फ बीजेपी बल्कि विपक्षी दल कांग्रेस के लिए भी एक चुनौती साबित होंगे. जहां बीते 19 साल तक लगातार सरकार में रहने वाली बीजेपी पिछड़ती नजर आ रही है, वहीं कांग्रेस भी जनता का भरोसा पाने के लिए जद्दोजहद कर रही है. आइए चुनाव से पहले आज बात करेंगे प्रदेश की 230 विधानसभा में से निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 21 यानी भांडेर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र की और समझेंगे इस सीट का गणित.

Bhander Vidhan Sabha Seat
भिंड विधानसभा सीट

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Published : Aug 1, 2023, 5:43 PM IST

भिंड।एमपी में विधानसभा चुनाव तो साल के अंत में होंगे लेकिन उससे पहले ETV भारत आपको प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों की जानकारी और सियासी हालातों से अवगत करा रहा है. विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 21 भांडेर के बार में आज चर्चा विस्तार से करते हैं, ये क्षेत्र खनिज संपदा से संपन्न होने के साथ साथ दतिया ज़िले की तीन विधानसभाओं में से एक है. यहां की जनता का मिज़ाज थोड़ा अलग है वे हर 5 साल में अपना प्रतिनिधि तो चुनती है, लेकिन जब क्षेत्र में विकास दिखाई नहीं देता तो हर बार ही विधायक का चेहरा बदल जाता है. यही वजह है की विकास आज भी इस क्षेत्र से किसी दूर है और ये इस क्षेत्र की तस्वीर में साफ नजर भी आता है. इंडिया भले ही आज डिजिटल हो गया हो, लेकिन भांडेर आज भी पिछड़ेपन का शिकार नज़र आता है.

विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय मुद्दे

भांडेर विधानसभा क्षेत्र की खासियत:भांडेर क्षेत्र का नाम आते ही सबसे पहले जहां में प्रसिद्ध तीर्थ पंडोखर धाम का जिक्र आता है, यहां देश भर से श्रद्धालु पंडोखर धाम पहुंचते हैं. यहां के महंत गुरुचरण महाराज का दिव्य दरबार भी लगता है, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में व्यवसाय और आय दोनों की संभावनाएं लगातार बढ़ रही है. इसके साथ साथ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा क्षेत्र में 100 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित कराया जा रहा है, जिससे इस प्लांट से उत्पादित बिजली का उपयोग जिले में बिजली आपूर्ति के लिए होगा. क्षेत्र खनिज संपदा से संपन्न हैं, यहां पत्थर और रेत की खदाने हैं जो राजस्व और रोजगार के लिए कुछ हद तक सहायक हैं.

भांडेर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता

भांडेर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता:बात अगर भांडेर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की करें तो वर्तमान में इस विधानसभा इस क्षेत्र में (1.1.2023 के अनुसार) कुल 1 लाख 87 हजार 943 मतदाता हैं, जिनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,00,091 और महिला मतदाता 87,845 हैं. साथ ही ट्रांसज़ेंडर मतदाताओं की संख्या 7 हैं, जो इस वर्ष विधानसभा चुनाव में वोट करने का हक रखते हैं.

भांडेर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का जातीय समीकरण

भांडेर विधानसभा क्षेत्र के सियासी हालात:मध्यप्रदेश का भांडेर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 21 वर्तमान में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है, यहां एससी वोटरों की संख्या 30 प्रतिशत से अधिक है, जो किसी भी चुनाव में निर्णायक भूमिका में रहते हैं. बात पोलिटिकल हालातों की करें तो भांडेर विधानसभा में बीते 20 वर्षों से बीजेपी का कब्जा बना हुआ है (कमलनाथ सरकार कार्यकाल छोड़कर). इस सीट के बड़ी ख़ासियत यह है कि अब तक हुए विधानसभा चुनावों में हर बार जनता ने विधायक का चेहरा बदला है, हालांकि 2003 में भाजपा से डॉ. कमलापत आर्य पहले ऐसे जनप्रतिनिधि बने जो इस सीट से दूसरी बार विधायक बने थे, पहली बार वे 1980 में विधायक बने थे. इसके बाद जब 2020 में हुए उपचुनाव में विधायक पद त्याग कर दोबारा चुनाव में खड़ी हुई रक्षा संतराम सिरोनिया को जानता ने फिर से मौका दिया.

बीते विधानसभा चुनाव के नतीजे

हालांकि 2018 में तो बीजेपी ने रजनी प्रजापति को टिकट दिया था, ऐसे में 2023 के लिए रक्षा संतराम सिरोनिया के साथ रजनी प्रजापति भी टिकट दावेदारी में हैं, लेकिन दोनों ही दावेदार कांग्रेस के दावेदार प्रत्याशी बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक फूल सिंह बरैया के आगे फीके नजर आते हैं. बरैया भी भांडेर से 1998 में बसपा से विधायक रह चुके हैं, इस बार अगर कांग्रेस ने बरैया को टिकट दिया तो कांग्रेस के लिए यह सीट जीतना काफ़ी आसान हो सकता है क्योंकि समय के साथ फूल सिंह बरैया का बीजेपी के प्रति आक्रामक रूख और क्षेत्र में बढ़ती लोक प्रियता ने भांडेर में कांग्रेस को मजबूत बनाया है. ऐसे में इस बार बीजेपी के लिए यहाँ सही टिकट दावेदार चुनना और चुनाव जीतना आसान नहीं रहेगा, हालांकि इस क्षेत्र में जातिगत समीकरण सभी कयासों को बदलने पूरी तरह अपनी भूमिका निभाते हैं. ऐसे में चुनाव परिणाम किस पार्टी के हक में जाएंगे, इस पर अभी संशय है.

बीते विधानसभा चुनाव के नतीजे:
भांडेर विधानसभा उपचुनाव 2020 के आंकड़े:2018 के विधानसभा में कांग्रेस को जनादेश मिला था और भांडेर को कांग्रेस विधायक. लेकिन, तत्कालीन विधायक रक्षा संतराम सिरोनिया उस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गयीं और इसके लिए उन्होंने विधायक पद त्याग दिया था 2020 में उपचुनाव हुए तो जनता का दोबारा समर्थन मिला और उन्हें कुल 57,043 वोट के साथ जीत हांसिल हुई. वहीं कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े पूर्व विधायक गुल सिंह बरैया ने कड़ी टक्कर दी उन्हें इस चुनाव में 56,882 वोट मिले. इस चुनाव में जीत का अन्तर महज़ 161 मतों का रहा था.

2018 भांडेर सीट का रिजल्ट

विधानसभा चुनाव 2018 के आंकड़े:2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भांडेर विधानसभा में कुल 1,70,443 मतदाता थे जिनमे 1,18,546 वोटर्स ने मतदान किया था. वहीं 1,228 मतदाताओं ने नोटा का बयान दबाया इस तरह इस सीट पर वैध मतों की संख्या 1,17,318 रही और इस चुनाव में जनता ने कांग्रेस प्रत्याशी रक्षा संतराम सिरोनिया का साथ देते हुए उन्हें 73,578 वोट देकर विधायक चुना था जबकि प्रतिद्वंदी के रूप में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ी रानी प्रजापति को 33,682 वोट ही मिल पाये थे इस तरह इन चुनाव में जीत का अंतर 39,896 वोटों का यानी 34.04% रहा.

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विधानसभा चुनाव 2013 के आंकड़े:भांडेर विधानसभा सीट के लिए 2013 के चुनाव में मतदाताओं की कुल संख्या 159617 थी जिनमें से 98,922 वोटर ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था लेकिन इनमें 374 वोट निरस्त कर दिए गए थे इस तरह कुल वैध मतों की संख्या 98,074 थी. इन चुनाव में भारतीय जानता पार्टी को दोबारा मौक़ा देते हुए बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम पिरोनिया को भांडेर के मतदाताओं ने 36,878 वोट दिये थे जिससे वे विजय पताखा लहराने में कामयाब रहे. वही कांग्रेस प्रत्याशी अरुण कुमार 29,227 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रह गये. यहाँ जीत का अंतर 7,651 वोट का था.

विधानसभा चुनाव 2008 के आंकड़े:जब 2008 के चुनाव हुए तो भारतीय जानता पार्टी ने 2003 के निवर्तमान विधायक की जगह आशाराम अहिरवार को मौक़ा दिया और जनता ने उनका साथ. आशाराम इस चुनाव 36,461 वोट बंदूक़ कर विजयी घोषित हुए जबकि उनके ख़िलाफ़ लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव में खड़े हुए पूर्व विधायक फूल सिंह बरैया 16,363 मत हासिल के निकटतम प्रत्याशी बनकर रह गए. इस चुनाव में कांग्रेस और बहुजन समाजवादी पार्टी सहित बाक़ी सभी प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने तक में नाकाम रहे. विधानसभा चुनाव में जीत का अंतर 20,098 मतों का रहा था.

विधानसभा क्षेत्र की स्थानीय मुद्दे:इस क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या आज भी बेरोज़गारी की है. यहाँ स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार की जरूरत है, यहाँ के युवा नौकरी के लिए दिल्ली अहदबाद का रुख़ करते हैं. क्षेत्र में विकास की दरकार आज भी पिछड़ेपन का अहसास दिलाती है. क्षेत्र में रेत का अवैध खनन भी चरम पर है यहाँ से माफिया रेत की सप्लाई उत्तरप्रदेश में करते हैं इसके साथ साथ पत्थर का अवैध खनन भी ज़मीन खोखली कर रहा है. साथ साथ सरकार को राजस्व का चूना लगाया जा रहा हैं. सात साल पहले तत्कालीन सांसद के प्रयास से प्रदेश का पहला सोलर प्लांट भांडेर में लगने के लिये स्वीकृत हुआ था लेकिन मध्यप्रदेश में प्लांट बने भी और शुरू भी हुए लेकिन भांडेर का प्लांट आज भी अधर में है.

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