भिंड में बिजली-जलसंकट से जूझ रही जनता, जिम्मेदार कौन ?
मध्य प्रदेश में बिजली की अघोषित कटौती से जनता परेशान है. भिंड में भी भीषण गर्मी के दौरान बिजली की कटौती से जनता परेशान है. व्यापारी वर्ग और ग्रामीण बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं.
भिंड में बिजली जलसंकट से जूझ रही जनता
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Published : May 31, 2023, 6:40 PM IST
भिंड में बिजली जलसंकट से जूझ रही जनता
भिंड।जिले के रौन ब्लॉक के मिहोना कस्बे में जनता असमय बिजली की कटौती से परेशान हो चुकी है. इसी को लेकर अब आम जानता के साथ व्यापारियों, नगर के पार्षद और उपाध्यक्ष की देखरेख में एक विशाल रैली निकाली गई, जिसमें शामिल हुए लोगों ने बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान, अपनी दुकानें सुबह से ही बंद रखी. रैली में मौजूद जनता तहसील कार्यलाय पहुंच कर धरने पर बैठ गई.
बिजली की समस्या गम्भीर:नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष संतोष बौहरे ने बताया कि "पूरे इलाके में इन दिनों बिजली की समस्या गम्भीर है. बिजली विभाग से संपर्क करने पर भी कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नहीं मिलता, जिससे की समस्या का समाधान हो सके. ऐसे में ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. बिजली की अघोषित कटौती से स्थानीय लोगों के लिए पेयजल व्यवस्था भी नहीं हो पा रही है. नगर पंचायत क्षेत्र में अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा आरो प्लांट लगाया गया है, लेकिन घटिया किस्म की लाइन बिछाने से जनता को सुचारू रूप से पानी भी नहीं मिल रहा है.
बिजली कटौती से पेयजल संकट, आरओ लाइन में भ्रष्टाचार का आरोप: उन्होंने बताया कि "नगर पंचायत उपाध्यक्ष ने भी अर्बन डेवलपमेंट कंपनी पर घटिया किस्म की लाइन बिछाने का आरोप लगाया है. बिजली कंपनी के जेई को हटाने की मांग की है. ग्रामीणों ने कटौती बंद कराने की मांग करते हुए बिजली विभाग के जेई को हटाने की मांग भी की है. उनका मानना है कि, ग्रामीणों को सही तरीके से बिजली मिलना चाहिए. यहां बिजली विभाग की मनमानी के चलते अंधाधुंध बिजली के बिल लोगों को थमाये जा रहे हैं, जिसके कारण ग्रामीणों को काफी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है."
नगर में स्वास्थ्य व्यवस्था फेल:जनसमस्याओं को लेकर भी स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि "लंबे समय से नगर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बाद भी यहां डॉक्टर नहीं है. अगर नगर में किसी को कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो जाती है तो डॉक्टरों के अभाव में मरीज को ग्वालियर या भिंड के लिए रेफर किया जाता है. प्रशासन के इस रवैए के चलते अब हालत काबू से बाहर होते नजर आ रहे हैं. इन सभी समस्याओं को लेकर तहसील कार्यालय पर बैठकर स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने धरना प्रदर्शन किया तो 2 घंटे बाद तहसीलदार के पहुंचते ही लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है."