भिंड।जिन सरकारी अस्पतालों पर मरीज के इलाज और चिकित्सा व्यवस्था का दारोमदार है, वहीं अगर चंद पैसों के लिए भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों का अमानवीय चेहरा नजर आने लगे तो क्या कहेंगे.. भले ही सरकार ने निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए देश के हर जिले में जिला अस्पताल खोल दिये, लेकिन भिंड जिला अस्पताल में चिकित्सकों की उदासीनता और स्टॉफ नर्स का लालच पूरा न कर पाने पर एक गर्भवती महिला को प्रसूति वार्ड से बाहर भगा दिया गया. नतीजा महिला ने खुले टीनशेड में जमीन पर बच्चे को जन्म दिया. (Bhind District Hospital Negligence)
डिलीवरी कराने के लिए मांगे रुपये:यह घटना भिंड के पिड़ोरा गांव के रहने वाले बंटी परिहार की पत्नी के साथ घटित हुई, परिजन के मुताबिक बंटी की पत्नी राखी को गुरुवार सुबह करीब 4 बजे प्रसव पीड़ा हुई थी. 108 एंबुलेंस को कॉल किया और उसकी सास गुड्डीबाई और देवर कान्हा परिहार पीड़िता को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. महिला की सास गुड्डी बाई ने बताया कि "अस्पताल में स्टॉफ नर्स ने पहले कहा कि ऑपरेशन होगा, इसके लिए जब हमने मना किया तो नार्मल डिलीवरी के लिए 5 हजार रुपए मांगे."
नर्स ने प्रसूता को बाहर ले जाने कहा, बाहर हो गया बच्चे का जन्म:राखी की सास गुड्डीबाई ने बताया कि उसकी बहू की पहले दो डिलीवरी नॉर्मल हुईं, यह बात नर्स और अन्य स्टाफ को बताई, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी और घुमाते ही रहे. इसके बाद में बाहर जाने को कह दिया, बाहर लाने पर अस्पताल परिसर के खुले टीनशेड में डिलीवरी हो गई. उसकी बहू ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है, लेकिन खुले में डिलीवरी होने से बहू की तबीयत खराब हो गई.