भिंड। चम्बल अंचल में पंचायत चुनाव हमेशा से चुनौती रहें हैं. खास कर पुलिस के लिए यह चुनाव कराना मुसीबत से कम नही रहा हैं. अंचल के भिंड में शायद ही कभी पंचायतों के चुनाव में ऐसा मौका आया हो जब, हिंसा देखने को न मिली हो. ऐसे में चुनाव के दौरान पुलिस के लिए शांति व्यवस्था कायम करना बेहद अहम और चैलेंजिंग हो जाता है. इस बार भी चुनाव के लिए 1000 अतिरिक्त जवानों का बल पुलिस अधीक्षक द्वारा मांगा गया है, साथ ही लगातार अपराधियों के खिलाफ धरपकड़ अभियान चलाया जा रहा है. बावजूद इसके चुनाव प्रक्रिया के दौरान ही अपराधी बेखौफ नजर आ रहे हैं. हालात ये हैं कि खुद पुलिस भी अपराधियों से सुरक्षित नजर नहीं आ रही है.
भिंड में 8 दिन में 6 बड़ी वारदातें:
- 1 जून: भिंड के महँगाव में 1 और 2 जून की दरमियानी रात सराफा व्यापारी की दुकान में चोरी, दीवार तोड़कर तिजोरी से 50 लाख का सोना चुरा ले गए चोर. पुलिस के हाथ अब भी खाली.
- 2 जून: मेहगांव में ही 2 और 3 जून की दरमियानी रात एक परिवार के घर चोरों ने सेंध लगाई. घर में रखी एक रायफल, 15 कारतूस समेत ढाई लाख रुपये के सोने चांदी के जेवर पर चोरों ने हाथ साफ किया. अज्ञात चोर अब भी फरार.
- 3 जून: अमायन थाना क्षेत्र के खैरोली गांव में एक पति ने फावड़े से हमला कर अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया. फिर खुदकुशी का प्रयास किया, आरोपी इलाज के लिए ग्वालियर भर्ती है.
- 5 जून: रौन कस्बे में दिन दहाड़े डकैती की वारदात. प्रॉपर्टी डीलर के घर मे घुसकर 3 बदमाशों ने दंपति को हथियारों के दम पर बंधक बनाया. इसके बाद मारपीट कर 10 लाख रुपये से ज्यादा कैश और ज्वेलरी निकलवाई और मौके से फरार हो गए. मामले में अब तक पुलिस को कोई सुराग नहीं.
- 6 जून: शहर कोतवाली इलाके में चोरों ने थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक की शासकीय बाइक चोरी कर ली. चोर सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए, पुलिस की गिरफ्त से अब भी दूर.
- 9 जून: एंडोरी गांव में डकैती के आरोपी को गिरफ्तार कर लौट रही पुलिस पर आरोपी के परिजन ने लाठी डंडों से हमला किया. थाना प्रभारी की सर्विस रिवॉल्वर समेत आरक्षकों के शासकीय हथियार छीनने का प्रयास किया और पुलिस अभिरक्षा से आरोपी को लेकर फरार हो गए. मामले में 19 लोगों पर FIR, गिरफ्तारी की अब तक कोई सूचना नहीं.
पुलिस के मुताबिक पूर्ववत है क्राइम रेट: ये वह वारदातें हैं, जिन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा और बड़ी सुर्खियां बनीं. लेकिन न जाने कितने ही छोटे-मोटे अपराध और घटनाएं इस बीच होती रही हैं, जिनसे कहीं ना कहीं यह साबित हो रहा है कि अपराधी अब खुलेआम पुलिस को चैलेंज कर रहे हैं. पुलिस के वाहन हो या पुलिस अधिकारी और कर्मचारी, अपराधियों की वजह से सुरक्षित नहीं है, ये कहा जा सकता है. इन घटनाओं के चलते चुनाव से पहले क्राइम रेट बढ़ता नजर आ रहा है.
भिंड में क्राइम रेट पहले से बढ़ा नहीं है. पुलिस लगातार अपराधियों और अपराध पर लगाम कसने पर काम कर रही है. सभी थाना प्रभारी लगातार चुनावी दौर के हिसाब से कार्रवाइयां कर रहे हैं. रहा सवाल जो भी चोरी की वारदातें आयीं है, उन पर काम किया जा रहा है.