भिंड।मप्र नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि सिंधिया भाजपा को अपनी पार्टी बनाने में जुटे हैं, ज्योतिरादित्य ने अपने लोगों के साथ सौदा करके सब अच्छे-अच्छे पद अपने लोगों को दिला दिए हैं और जो मूल कार्यकर्ता थे उन्हें दरकिनार कर दिया. इसी के साथ गोविंद सिंह ने दिग्विजय सिंह को पूरे देश की कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदार नेता भी बताया. (MP leader of opposition doctor govind singh exclusive interview)
मप्र नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह से जानिए 2023 का रोडमैप सवाल: मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार लगातार 2023 के चुनावों को देखते हुए आदिवासी वोट बैंक साधने की कोशिश कर रही है, इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: लगातार पश्चिम बंगाल में जिस तरह भाजपा ने एक समुदाय के लोगों को साधने का काम किया. हिंदू धर्म के नाम पर वोट लेने का काम किया फिर भी वहां उनकी बुरी तरह दुर्गति हुई, अब आदिवासी भाई और अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति दोनों भाइयों ने यह समझ लिया कि भारतीय जनता पार्टी चालबाज है. 25 से 30% पद बैकलॉग में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के खाली पड़े हुए उन में भर्तियां क्यों नहीं की. पिछले 7 साल से प्रदेश में पदोन्नति नहीं हुई. मैंने पदोन्नति के लिए जो रास्ता निकाला था क्रमोन्नति करके सब को लाभ दिलाने का शिवराज सरकार ने उसे षड्यंत्र करके रोक दिया. इसलिए जनता के टैक्स का पैसा इन लोगों ने सम्मेलन के नाम पर दुरुपयोग कर करोड़ों रुपया खर्चों के नाम पर बर्बाद करने का काम करते हैं. जय आदिवासी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भाइयों के मुद्दे समस्याओं को लेकर कार्य करना चाहिए था, वह पैसा सम्मेलनों के नाम पर उड़ा दिया जाता है.
सवाल: मध्यप्रदेश में आज चंबल अंचल का एक कद्दावर नेता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष है, जिस तरह भाजपा ने सिंधिया को तोड़कर उन के 22 विधायकों के साथ अपनी सरकार बनाई, क्या अब वही सिंधिया कांग्रेस के निशाने पर रहेंगे?
जवाब: सवाल इस बात का है कि मैं कांग्रेस का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं लेकिन सिंधिया इतने बड़े नेता होते तो जिसे सांसद प्रतिनिधि बनाया गया, उसी से डेढ़ लाख वोटों से नहीं हारते. मैं ना तो उन्हें चुनौती मानता हूं और ना ही कांग्रेस को उनसे फर्क पड़ता है. मैं तो यह मानता हूं कि कांग्रेस पाक साफ हो गई, जो नेता कांग्रेस में रहते हुए भी उसके हिसाब से टिकट न मिले तो चुनाव हराने का प्रयास करता हो, चंबल अंचल के 8 जिलों में अपने बिना ब्लॉक अध्यक्ष ना बनने दे, ऐसा कचरा कमलनाथ ने कांग्रेस पार्टी से साफ कर दिया इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं.
सवाल: आपने सिंधिया को लेकर इतना बड़ा बयान दिया है तो कांग्रेस पार्टी ने चंबल अंचल से अपना नेता प्रतिपक्ष खड़ा किया है, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी ग्वालियर का प्रभारी बनाया है. इसके पीछे क्या कारण है?
जवाब: सवाल ही नहीं उठता दिग्विजय सिंह राष्ट्रीय नेता हैं, वह किसी एक संभाग के नेता नहीं है ना ही उन्हें किसी ने ऐसा कहा है वह खुद प्रदेश भर में घूम-घूम कर संगठन के पदाधिकारियों को एक साथ बैठाकर भाईचारा डेवलप करा रहे हैं. वह एक-दूसरे के साथ बैठकर रणनीति बना रहे हैं, कल भोपाल में भी 4 घंटे के अंदर सभी भोपाल के नेताओं को बैठाकर मीटिंग की है. वह हर संभाग में जाकर यह काम कर रहे हैं, अकेले ग्वालियर में ही नहीं दिग्विजय सिंह पूरे प्रदेश में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर जहां-जहां जुल्म ढाए गए हैं वहां वहां उनको संकलित कर एक जोक कर पूरी ताकत से गांव-गांव में घूमकर जन आंदोलन खड़ा करने का काम कर रहे हैं उन पर सिर्फ चंबल संभाग की जिम्मेदारी नहीं है विदेश के नेता हैं उनके ऊपर पूरे देश की कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है.
सवाल:उत्तरप्रदेश में जिस तरह लाउडस्पीकर उतारने को लेकर के विवाद चल रहा है, एमपी में भी लाउडस्पीकर पर एक विवाद उड़ता दिखाई दे रहा है. मस्जिदों में अजान को देखते हुए मंदिरों में हनुमान चालीसा लाउडस्पीकर पर बजाने का मामला इंदौर में देखने को मिला है?
जवाब: सवाल इस बात का है कि यदि किसी मजहब में लाउडस्पीकर चलाकर अपनी बात कहने की कथा है और अगर दूसरे लोगों आम जनता को उससे समस्या हो रही है तो वह अपने लाउड स्पीकर की आवाज थोड़ी धीमी करें. यह मैं उन से अनुरोध करता हूं, लेकिन आजादी के बाद से मस्जिद में यह लाउडस्पीकर बज रहे थे तब ना तकलीफ नहीं हुई, लेकिन जैसे ही चुनाव आए तो बहु संख्यक हिंदू लोगों को भड़का कर चुनाव जीतने की बाजी खेल रहे हैं. जिस तरह उत्तर प्रदेश में राम मंदिर के नाम पर राज्य सरकर चुनाव जीता वहीं पूरे देश में करने का प्रयास कर रहे हैं.
सवाल: एक बड़ी जिम्मेदारी आप को सौंपी गई है, समय-समय पर देखा गया है कि कांग्रेस में संगठन में अक्सर गुटबाजी देखी जाती है. ऐसे में जब चुनाव 2023 में होने वाला है, किस तरह कांग्रेस को एकजुट करेंगे 2023 की क्या प्लानिंग है?
जवाब: सवाल इस बात का है कि क्या आप को बीजेपी की गुटबाजी दिखाई नहीं देती, जब से सिंधिया भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं तब से ही भाजपा में अंदरूनी कला चल रही है. कई ऐसे नेता जिन्होंने अपना पूरा जीवन पार्टी को खड़ा करने के लिए समर्पित कर दिया ऐसे नेता आज दरकिनार कर दिए गए और सिंधिया ने अपने नेताओं को पद दिला दिए. कई नेता आज भी मुझसे दुखी होकर कहते हैं कि इनसे तो आप ही अच्छे थे, सिंधिया ने अपने लोगों के साथ सौदा करके सब अच्छे-अच्छे पद अपने लोगों को दिला दिए हैं और जो मूल कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी के थे उन सभी को दरकिनार कर दिया गया. कांग्रेस पार्टी में कोई भी गुटबाजी नहीं है गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने का फैसला सभी ने मिलकर लिया है और आगामी विधानसभा चुनाव 2023 कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, इस बात में भी एकजुटता के साथ कोई दो राय नहीं है.