भिंड।नगरीय क्षेत्र में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए 2018 में एमपी अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा भिंड नगर पालिका के तहत 214 करोड़ की लागत से आरओ वॉटर प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई. ये प्रोजेक्ट आज तक पूरा नहीं हो सका है. ऐसे में नगर पालिका परिषद भिंड की बैठक में यह मुद्दा भी उठाया गया. परिषद के सभी निर्वाचित सदस्यों ने इस लेटलतीफी पर नाराजगी जाहिर की.
Tata Company Fine:भिंड नगर पालिका ने टाटा कंपनी पर चलाया चाबुक,ठोका 50 लाख रुपये जुर्माना - सड़कों की हालत खराब कर दी
भिंड में शुद्ध पेयजल व्यवस्था के लिए शुरू की गई अमृत योजना के तहत आरओ वॉटर प्रोजेक्ट में लेटलतीफी अब जनमानस के साथ-साथ प्रशासन भी बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है. भिंड नगर परिषद की बैठक में इस प्रोजेक्ट के कांट्रेक्टर कंपनी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड पर 50 लाख रुपये की पेनाल्टी का प्रस्ताव पारित किया गया है.
नगरपालिका में प्रस्ताव पारित :टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी टेंडर में दिये गए समय से काफी पीछे चल रही है. ऐसे में कार्य जल्द से जल्द पूर्ण हो, इसके लिए टाटा कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना सर्वसम्मति से आरोपित किया गया है. नगर परिषद की बैठक की जानकारी देते हुए सीएमओ वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि हमने कई बार उन्हें लिखित व मौखिक रूप से जानकारी देकर अवगत कराया है. कलेक्टर के माध्यम से भी शिकायत की गई है. बावजूद इसके कंपनी द्वारा समय सीमा के अंदर काम पूरा नहीं किया गया.
सड़कों की हालत खराब कर दी :शहर में जगह-जगह सड़कें खोद दी गईं लेकिन उन्हें रिस्टोर ठीक से नहीं किया गया. इससे शहर की आम जनता परेशान हो रही है, जिसको लेकर ये पैनल्टी परिषद द्वारा पारित की गई है. कंपनी यह प्रोजेक्ट 5 साल बीतने के बाद भी महज़ 80 फ़ीसदी ही कार्य पूरा कर पायी है, जबकि टेंडर शर्त के अनुसार इसकी समय सीमा सिर्फ़ 28 महीने रखी गई थी. आरओ वाटर लोगों के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रहा है और कंपनी समय सीमा बढ़ाती जा रही है.