भिंड। बीजेपी ने लाल सिंह आर्य के टिकट पर मुहर लगा दी है और 2023 के विधानसभा चुनाव में वे गोहद से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. ये वही सीट है, जिसे पहले 2018 में कांग्रेस ने कब्जे में लिया और 2020 के उपचुनाव में भी बीजेपी छुड़ा नहीं पायी. अभी से प्रत्याशी चुनाव की तैयारी में जुट सकते हैं लेकिन जीत की राह इतनी भी आसान नजर नहीं आ रही है. हालांकि गोहद सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है और लाल सिंह की क्षेत्र में पकड़ मजबूत है.
क्यों लगी लाल सिंह के नाम पर बीजेपी की मुहर:गोहद का पिछला विधानसभा चुनाव 2018 में हुआ था. तब कांग्रेस प्रत्याशी रणवीर जाटव विधायक चुने गए थे, लेकिन सिंधिया समर्थक विधायक के बीजेपी में शामिल होने से 2020 में उपचुनाव हुआ लेकिन तब बीजेपी के कैंडिडेट सिंधिया समर्थक रणवीर जाटव को जनता ने सिरे से नकार दिया था. स्वाभाविक था जो हुआ उससे गोहद के वोटर भारतीय जनता पार्टी से नाराज थे, यह एक बड़ी वजह रही कि बीजेपी ने 23 के चुनाव के लिए इस कमजोर सीट पर पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को चुना है.
लाल सिंह आर्य पर भरोसे की वजह:एमपी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र 13 यानी गोहद सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी लाल सिंह आर्य है. लाल सिंह 3 बार इसी सीट से विधायक रह चुके हैं और दो बार मंत्री रहे. वे अब तक 5 विधानसभा चुनाव बीजेपी में रहते लड़ चुके हैं और अब उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने छठवीं बार मैदान में उतारा है. इसके साथ-साथ बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी लाल सिंह पर भरोसा जताते हुए उन्हें अनुसूचित जाति मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था. चूंकि गोहद अनुसूचित जाति आरक्षित सीट है, तो लाल सिंह पर पार्टी भरोसा कर रही है, इस उम्मीद के साथ की गोहद में उनकी जानता के बीच लोकप्रियता और कार्यकर्ता पर पकड़ बीजेपी को 2023 में गोहद सीट पर वापसी दिलाएगी.