भिंड। गुलाब को फूलों का राजा कहा जाता है. खास बात यह है कि अब ये फूल घरों की क्यारी से निकलकर खेतों तक पहुंच गए हैं. भिंड के रहने वाले योगेन्द्र यादव को तो गुलाब से इतना लगाव रहा है कि उन्होंने अपने खेत में पारम्परिक खेती छोड़ आधुनिक खेती अपनाते हुए गुलाब की ही फसल लगाई है, वह भी एक विदेशी किस्म के गुलाब की जो आज उनकी पसंद के साथ-साथ आय और मुनाफे का भी जरिया बन चुकी है.
भिंड जिला आम तौर पर पारम्परिक खेती के लिए जाना जाता है. यहा साल की तीन बड़ी फसल गेहूं, सरसों और बाजरा की खेती व्यापक तौर पर होती है, लेकिन भिंड के एक व्यवसायी को गुलाब के फूल से इतना लगाव था कि उन्होंने इसकी खेती करने का फैसला किया. पारंपरिक खेती की बजाए पहली बार भिंड में किसी ने उन्नत किस्म के विदेशी गुलाब की आधुनिक खेती की ओर कदम बढ़ाया. योगेन्द्र यादव ने ना सिर्फ आधा एकड़ जमीन पर गुलाब की खेती की, बल्कि एक विदेशी किस्म के डच रेड रोज उगाए. यह खेती भी आसान नही थी क्यूंकि किसी भी विचार को सजीव करना उतना आसान नहीं होता जितना उसके बारे में सोचना.
शादी समारोह में रखे गुलदस्ते से आया आइडिया
योगेन्द्र यादव ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्हें बचपन से ही प्रकृति से लगाव था और उन्हें गुलाब बहुत प्रिय था. वे अक्सर घर में गुलाब के पौधे लगते रहते थे. समय के साथ-साथ उन पर जिम्मेदारियां आईं तो अपने व्यवसाय पर ध्यान दिया, लेकिन गुलाब से अपने मोह को ना छुड़ा पाए. कुछ साल पहले वे एक शादी समारोह में शामिल हुए तो उन्होंने वहां डच रेड गुलाब के फूलों का गुलदस्ता देखा, जिसने उन्हें मोहित कर लिया. उन्होंने बताया कि गुलाब का बुके देखने के बाद उनके मन में विचार आया कि आखिर इतने सुंदर फूल कहां से आते हैं, इस जिज्ञासा ने उन्हें रिसर्च की ओर मोड़ा.
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प्रशासन से मिली मदद
डच रेड गुलाब के बारे में अपनी रिसर्च के दौरान उन्हें पता चला की यह ऐसी किस्म का गुलाब हैं जो भी ओपन एरिया यानी खुले में नहीं हो पाया जा सकता, इसके लिए पॉली हाउस लगाया जाता है. डच रेड रोज के बारे में रिसर्च के बाद योगेंद्र यादव ने फैसला लिया कि वह भी अपने खेत में गुलाब की एक विदेशी किस्म की पैदावार करेंगे. इस दौरान उन्हें आधुनिक खेती को बढ़ावा देने वाली शासन की योजना का पता चला तो उन्होंने उद्यानिकी विभाग से सम्पर्क किया. जिसकी मदद से भिंड मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित जमना गांव में उन्होंने शासन का यह प्रोजेक्ट उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के मार्ग दर्शन में अपने आधा एकड़ खेत में लगाया.