भिंड। लॉकडाउन का दूसरा चरण चल रहा है लेकिन पिछले कई हफ्तों से भिंड जिले में ट्रांसपोर्ट सर्विस बुरी तरह प्रभावित है. भिंड जिले में चलने वाले ज्यादातर ट्रांसपोर्ट कैरियर लॉजिस्टिक्स के लिए उपयोग होते हैं, या रेत के परिवहन में लेकिन लॉकडाउन की वजह से पूरा कारोबार ठप पड़ा है.
पूरा भारत लॉकडाउन में है जिसका असर आम जनजीवन के साथ ही उद्योगों पर भी पड़ रहा है. ट्रांसपोर्ट बिजनेस की बात की जाए तो भिंड जिले में भी ट्रांसपोर्ट बिजनेस पूरी तरह ठप पड़ा है. भिंड जिले के सैकड़ों ट्रक और डंपर आज राज्यों की सीमाएं सील होने के कारण खडे़ हुए हैं. केंद्र सरकार ने ट्रांसपोर्टर को राहत दी है, लेकिन सिर्फ अति आवश्यक चीजों की आपूर्ति करने के लिए छूट मिली है, ऐसे में भिंड में गुड्स कैरियर कुछ खास उपयोग में नहीं आ पा रहे हैं, जिसके चलते ट्रांसपोर्टर को रोजाना लाखों का नुकसान झेलना पड़ रहा है.
ट्रांसपोर्ट कंपनी के संचालकों की मानें तो इस लॉकडाउन से उनका पूरा बिजनेस चौपट हो चुका है. भिंड जिले में ज्यादातर ट्रांसपोर्ट ट्रकों के जरिए होता है, जिनमें मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र में बनी कई फैक्ट्रियां अपने मटेरियल की सप्लाई करती थीं. इन फैक्ट्रियों में इक्का-दुक्का छोड़कर कोई भी फैक्ट्री ऐसी नहीं है, जिसमें बनने वाला सामान अतिआवश्यक वस्तुओं की लिस्ट में शामिल हो लिहाजा, पूरे इलाके में ट्रांसपोर्ट रुका हुआ है और शहर में भी कई जगहो पर ट्रक खड़े दिखाई दे रहे हैं.
ट्रक संचालकों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से सामान परिवहन नहीं हो पा रहा है, कारोबार ठप हो गया है. कई दिनों से कर्मचारियों को सामान तो मुहैया करा रहे हैं, लेकिन उनको देने के लिए अब सैलरी नहीं है, क्योंकि बिजनेस नहीं चलेगा तो पैसा कहां से आएगा, साथ ही खुद के खर्चे भी चलाने में अब परेशानी आ रही है.
ट्रांसपोर्ट सर्विस में काम करने वालों के पास राशन जैसी अत्यावश्यक चीजें भी खरीदने के लिए पैसा नहीं बचा, बिजली, पानी का बिल ट्रक की किस्त कैसे भरें उन्हें समझ नहीं आ रहा. पंडित ट्रांसपोर्ट के संचालक और जिला ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सदस्य विनोद बताते हैं कि प्रशासन ने किराने की आपूर्ति के लिए उन्हें छूट दी है. छोटे माल वाहकों से वे शहर में किराने की आपूर्ति कर रहे हैं. इक्का-दुक्का ट्रक भी कुछ संचालकों के चल रहे हैं, जिनसे अन्य शहरों से किराने से संबंधित चीजें भिंड जिले में लाई जा रही हैं.