भिंड।प्रदेश में आए दिन पंचायतों में भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहते हैं. जिले में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां सहायक सचिव ने सड़क, तालाब और श्मशान घाट के नाम पर लाखों रुपए का गबन किया है. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने जनपद पंचायत सीईओ आलोक इटोरिया से की है.
कागजों पर हुए विकास कार्य दरअसल मामला जिले की रौन जनपद के दोहई ग्राम पंचायत का है. जहां सहायक सचिव ने कई निर्माण कार्यों को सिर्फ कागजों में पूरा करते हुए लाखों रूपए डकार दिए. ग्रामीणों का आरोपी है कि सहायक सचिव राघव मिश्रा और सरपंच माया सिरोमन जाटव ने मिलीभगत से करीब 50-60 लाख रुपए का गबन किया है. मामले की जानकारी जब ग्रामीणों को मिली तो इसकी शिकायत जनपद पंचयात सीईओ आलोक इटोरिया से की गई.
मामले की शिकायत मिलते ही जनपद पंचायत से दोहई गांव एक टीम को भेजा गया था. जिसमें पाया कि जिन कार्यों के नाम पर पैसा निकाला गया है, असल में वो सिर्फ कागजों में ही हुआ है. जांच में पाया गया कि मुक्तिधाम, तालाब, सड़क और आवास के नाम पर लाखों रुपए का गबन किया गया है. वहीं सचिव का कहना है कि उसके फर्जी हस्ताक्षर कर दस लाख रुपए निकाले गए हैं.
वहीं मामले में शिकायत और जनपद पंचायत की टीम के निरीक्षण के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जिसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना काल में भी कई योजनाओं के तहत पैसा निकाला गया है, जो कि असल में हुआ ही नहीं है. ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों पर कार्रवाई की जाए, ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.