भिंड।मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद से ही, चुनाव को जीतने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. 28 सीटों में से 16 सीटें ग्वालियर चंबल अंचल की हैं. इन्हीं में से भिंड जिले की दो विधानसभा सीट गोहद और मेहगांव भी शामिल हैं. इस उपचुनावों में स्थानीय मुद्दें, जातियां, लॉयल वोटर्स, नेताओं की पकड़ सभी की परीक्षा होगी. यही सीटें तय करेंगी, कि मध्यप्रदेश में किसकी सत्ता रहेगी. इसी कड़ी में ईटीवी भारत का खास प्रोग्राम 'भैया जी का अड्डा' हर विधानसभा में पहुंचकर मतदाताओं के मन की बात जानने की कोशिश कर रहा है. आज ईटीवी भारत भिंड जिले की गोहद विधानसभा में जनता के बीच पहुंच, जहां मतदाताओं ने चुनावी मुद्दों के बारे में चार्चा की.
गोहद विधानसभा में धीमी रही विकास की रफ्तार
धान का कटोरा कहे जाने वाली गोहद विधानसभा विकास के मामले में आज भी पिछड़ी हुई है. जिसका कारण यह है कि यहां के जनप्रतिनिधियों ने चुनाव जितने के लिए वादे तो जनता से बहुत किये, लेकिन चुनाव जीतने के बाद दोबारा नजर नहीं आए. लिहाजा आज भी यहां के हालात जस के तस बने हुए है. चाहे कस्बा हो या ग्रामीण क्षेत्र, जनता अपने नेताओं को सिर्फ कोसती नजर आ रही हैं.
वैसे तो 2020 के उपचुनाव में 2,24,737 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, लेकिन स्थानीय समस्याओं के चलते कई जगह चुनाव बहिष्कार की बातें भी सामने आती रही हैं, ऐसे में चुनाव नजदीक आते ही घर हो या बाजार हर जगह इन दिनों चुनावी चर्चा ही बनी हुई है.
जनप्रतिनिधियों ने किया खुद का विकास
जब हमने गोहद विधानसभा में भैया जी का अड्डा लगाकर जनता से बात की तो उनका मिजाज भी सामने आया. लोगों का कहना है कि हर बार चुनाव पास आते ही नेता वादों के पिटारे लेकर आ जाते हैं, यहां तक की पैर छूते हैं, लेकिन जब चुनाव पूरा हो जाता है तो वह जीत के बाद दोबारा नहीं आते हैं. यही हाल पूर्व विधायक रणवीर जाटव हो या लाल सिंह आर्य किसी नेता ने क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम नहीं किया. जनता का मानना हैं कि जनप्रतिनिधि क्षेत्र की वजह खुद का विकास करने में जुट जाते हैं.