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'भैया जी का अड्डा': विकास में पिछड़ी चंबल की गोहद विधानसभा सीट, जानें क्या है वोटर की राय ? - 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव

ईटीवी भारत का खास प्रोग्राम 'भैया जी का अड्डा' हर विधानसभा में पहुंचकर मतदाताओं के मन की बात जानने की कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत भिंड जिले की गोहद विधानसभा में जनता के बीच पहुंचा और मतदाताओं से चुनावी मुद्दों के बारे में चर्चा की.

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भैया जी का अड्डा

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Published : Oct 14, 2020, 1:39 PM IST

Updated : Oct 14, 2020, 8:03 PM IST

भिंड।मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद से ही, चुनाव को जीतने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. 28 सीटों में से 16 सीटें ग्वालियर चंबल अंचल की हैं. इन्हीं में से भिंड जिले की दो विधानसभा सीट गोहद और मेहगांव भी शामिल हैं. इस उपचुनावों में स्थानीय मुद्दें, जातियां, लॉयल वोटर्स, नेताओं की पकड़ सभी की परीक्षा होगी. यही सीटें तय करेंगी, कि मध्यप्रदेश में किसकी सत्ता रहेगी. इसी कड़ी में ईटीवी भारत का खास प्रोग्राम 'भैया जी का अड्डा' हर विधानसभा में पहुंचकर मतदाताओं के मन की बात जानने की कोशिश कर रहा है. आज ईटीवी भारत भिंड जिले की गोहद विधानसभा में जनता के बीच पहुंच, जहां मतदाताओं ने चुनावी मुद्दों के बारे में चार्चा की.

गोहद विधानसभा सीट से जनता की राय

गोहद विधानसभा में धीमी रही विकास की रफ्तार
धान का कटोरा कहे जाने वाली गोहद विधानसभा विकास के मामले में आज भी पिछड़ी हुई है. जिसका कारण यह है कि यहां के जनप्रतिनिधियों ने चुनाव जितने के लिए वादे तो जनता से बहुत किये, लेकिन चुनाव जीतने के बाद दोबारा नजर नहीं आए. लिहाजा आज भी यहां के हालात जस के तस बने हुए है. चाहे कस्बा हो या ग्रामीण क्षेत्र, जनता अपने नेताओं को सिर्फ कोसती नजर आ रही हैं.

वैसे तो 2020 के उपचुनाव में 2,24,737 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, लेकिन स्थानीय समस्याओं के चलते कई जगह चुनाव बहिष्कार की बातें भी सामने आती रही हैं, ऐसे में चुनाव नजदीक आते ही घर हो या बाजार हर जगह इन दिनों चुनावी चर्चा ही बनी हुई है.


जनप्रतिनिधियों ने किया खुद का विकास
जब हमने गोहद विधानसभा में भैया जी का अड्डा लगाकर जनता से बात की तो उनका मिजाज भी सामने आया. लोगों का कहना है कि हर बार चुनाव पास आते ही नेता वादों के पिटारे लेकर आ जाते हैं, यहां तक की पैर छूते हैं, लेकिन जब चुनाव पूरा हो जाता है तो वह जीत के बाद दोबारा नहीं आते हैं. यही हाल पूर्व विधायक रणवीर जाटव हो या लाल सिंह आर्य किसी नेता ने क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम नहीं किया. जनता का मानना हैं कि जनप्रतिनिधि क्षेत्र की वजह खुद का विकास करने में जुट जाते हैं.

पेयजल क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या
जब लोगों से गोहद के स्थानीय समस्याएं जानने की कोशिश की गई तो बताया गया कि क्षेत्र में सबसे बड़ी परेशानी पानी की है. बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ने ही सरकार में रहते गोवत विधानसभा को 130 करोड़ की पेयजल परियोजना की सौगात देने की घोषणा की थी. जिसका तीन बार लोकार्पण भी हुआ, लेकिन उद्घाटन के बाद भी आजतक यह परियोजना धरातल पर नजर नहीं आई.

बुनियादी समस्याओं से परेशान जनता

वहीं कुछ लोगों का कहना है कि आज गोहद से मौ कस्बे तक रोड की हालत खराब है. समझ नहीं आता है कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है. लोगों की मांग बस स्टैंड पर प्रतीक्षालय को लेकर भी है, लोगों का कहना हैं कि बाहर से आने और जाने वाले यात्रियों को धूप में खड़े रहकर इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में नए बस स्टैंड पर भी प्रतीक्षालय की सख्त जरूरत है. साथ ही वहां अब तक कोई हैंडपंप नहीं लगाया गया है. ऐसे में पेयजल की समस्या भी लोगों के लिए यात्रियों के लिए खड़ी हो जाती है.लोगों का कहना है कि पिछली बार भी विधायक रहे रणवीर जाटव से मांग की गई थी, कि कई वार्ड में पानी की पाइप लाइन नहीं है. जहां पाइप लाइन है,पर वहां पानी नहीं आता है. उस पर उन्होंने भरोसा दिलाया था कि पानी आएगा, लेकिन आज भी हालात सिफर बने हुए हैं.

कांग्रेस पर भरोसा कर सकती है जनता !

लिहाजा भैया जी का अड्डा प्रोग्राम में जनता से बात करने के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि इस बार गोहद में रणवीर जाटव के लिए जीत की राह आसान नहीं दिख रही, अगर अब कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जाटव ने अगर जनता के बीच थोड़ी मेहनत कर ली और उनकी बातों पर मतदाताओं को ज्यादा भरोसा लगा तो गोहद विधानसभा एक बार फिर कांग्रेस के खाते में जाती दिख रही है.

Last Updated : Oct 14, 2020, 8:03 PM IST

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