एमपी सरकार बच्चों को सिखाएगी गली मोहल्ले के खेल भिंड।एक के ऊपर एक 7 पत्थर रख सितौलिया बनाकर दूर से उन पर निशाना लगाना, फिर गेंद पकड़कर एक दूसरे को उससे निशाना बनाकर आउट करने की कोशिश, या फिर गली में डंडे से ज़ोर की चोट मारकर गिल्ली को दूर उछालना, या काँच के कंचों का खेल खेलना. इनके बारे में सोचते ही बचपन की यादें ताज़ा हो जाती हैं. ये वो पारंपरिक खेल हैं जिन्हें दो दशक पहले तक गली कूंचों में बच्चों को खेलते देखा जा सकता था. आज भी गांव खरंजों में कहीं कहीं ये खेल खेलते बच्चे शायद नजर आ जायें, लेकिन लगभग एक दशक में खेलों के मायने बदल गए हैं. खेलों के नाम पर पहले कंप्यूटर, फिर वीडियो गेम्स आ गए और आज एक छोटे से मोबाइल फोन से लोग अपने अंगूठों का व्यायाम करते नहीं थकते. कुल मिला कर सिथौलिया, हूल, कंचे, गिल्ली डंडा जैसे खेल हमारे जीवन से गौरैया पक्षी की तरह विलुप्त हो चुके हैं.
एमपी सरकार बच्चों को सिखाएगी गली मोहल्ले के खेल विलुप्त हो गये हमारी माटी से जन्मे पारंपरिक खेल:भारत अपनी संस्कृति के लिए पहचाना जाता है और उसी संस्कृति से जुड़े ये पारंपरिक खेल एक बार फिर लोगों के जीवन का हिस्सा बने ये प्रयास बीजेपी सरकार अब करने जा रही है. इसके लिए पूरे प्रदेश में ‘खेलेगा मध्यप्रदेश’ खेलों का आयोजन होने जा रहा है. इसकी जिम्मेदारी भारतीय जानता पार्टी संगठन ने युवा मोर्चा को दी है. इस कैंपेन में भिंड की अहम भूमिका होने वाली है क्योंकि इस आयोजन के प्रभारी बनाए गए भजायुमो प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य विश्व प्रताप सिंह मूल रूप से भिंड के रहने वाले हैं और बहुत कम समय में उन्होंने प्रदेश की राजनीति में अपनी जगह बनायी है. (mp bjp set to train children extinct sports)
एमपी सरकार बच्चों को सिखाएगी गली मोहल्ले के खेल ETV Bharat से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि ऐसे कई खेल हैं चाहे वह सितौलिया हो, खो-खो हो या कबड्डी कई गेम्स हैं जिन्होंने हमारे देश की माटी से जन्म लिया और इन्हें खेल कर हम बड़े हुए. (how to play road side sports bjp to teach) लेकिन, आज ये खेल कहीं भी देखने को नहीं मिल रहे हैं. ऐसे क़रीब 10 से 20 खेल हैं जो अलग अलग इलाक़ों में अलग अलग नामों से जाने जाते हैं इन खेलों को दोबारा प्रचलन में लाने और उन्हें एक बार फिर लोगों से जोड़ने का काम भाजयुमो कर रहा है. आने वाले समय में पूरा देश इस बात की मिसाल देगा कि मध्यप्रदेश में किस तरह क्रिकेट बैडमिंटन टेनिस जैसे गेम्स के परे पारंपरिक खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
एमपी सरकार बच्चों को सिखाएगी गली मोहल्ले के खेल मोबाइल से आकर्षित हो कर सेहत से खिलवाड़ कर रहे बच्चे:(side effect of mobile)जब हमने सवाल किया कि इस तरह के खेलों को ही क्यों चुना गया, इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि, आजकल सभी ने देखा है की छोटे छोटे बच्चे भी अपने हाथों में मोबाइल फोन लिए नजर आते हैं वे इंडोर गेम्स के प्रति आकर्षित हो गए हैं कि अपनी सेहत से खिलवाड़ के रहे हैं इसलिए इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए भारतीय जानता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष गौरव पवार ने एक अच्छी सोच के साथ हमारे पारंपरिक आउटडोर गेम्स को आगे लाने कि प्रयास किया है. कुछ शहरों में इनकी शुरुआत हो चुकी है और धीरे धीरे पूरे प्रदेश में जानकारी के पूरे महीने ये गेम्स आयोजित कराए जाएँगे.
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टैलेंटेड खिलाड़ियों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगी सरकार:‘खेलेगा खिलता कमल और खेलेगा मध्यप्रदेश’ कैंपेन के तहत अगले महीने से पूरे मध्यप्रदेश में पारंपरिक आउटडोर गेम्स का अगाज होगा, इसकी ज़िम्मेदारी संगठन और सरकार ने भाजयुमो को सौंपी है ये गेम्स पूरे जनवरी 2023 तक प्रदेश के प्रत्येक शहर नगर की गली गली में आयोजित होंगे जिनमें से इन खेलों के टैलेंटेड खिलाड़ियों को आगे लाया जाएगा, इसके बाद इन खिलाड़ियों को सरकार पहचान देने में अपनी भूमिका अदा करेगी जिसके लिए राजधानी भोपाल में एक बड़े आयोजन के साथ फाइनल मुकाबले होंगे. साथ ही विजेताओं को पुरस्कार वितरण भी किए जाएँगे.