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जीतू पटवारी का बीजेपी पर निशाना, जनता और शिवराज के साथ हुआ छल, सिंधिया पर कहा ये

Jitu Patwari Targeted BJP: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी अपने दो दिवसीय दौरे पर भिंड पहुंचे हैं. जहां बुधवार को जिला मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने शिवराज और सिंधिया को लेकर बड़े बयान दिये हैं.

JItu Patwari visit Bhind
भिंड पहुंचे जीतू पटवारी

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 10, 2024, 3:14 PM IST

Updated : Jan 10, 2024, 4:18 PM IST

जीतू पटवारी का बीजेपी पर निशाना

भिंड। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में भले ही हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन प्रदेश कांग्रेस की डोर अब जीतू पटवारी के हाथ में आ चुकी है. प्रदेश की कार्यकारिणी समाप्त कर नये प्रदेश अध्यक्ष पूरे राज्य में कार्यकर्ताओं के बीच दौरे कर रहे हैं. इन दिनों ग्वालियर चंबल-अंचल में डेरा डाले घूम रहे जीतू पटवारी ने भिंड में पत्रकारों से मुलाकात कर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर तमाम आरोप लगाये. यहां तक कि कह दिया कि, बीजेपी ने अपने ही लोगों से धोखा कर दिया. चुनाव लड़ा शिवराज के चहरे पर और सीएम मोहन को बना दिया. शिवराज सिंह को दूध में मक्खी की तरह निकल कर फेंक दिया. आज समय-समय पर शिवराज सिंह का दर्द भी छलक ही जाता है.

चेहरा किसी का दूल्हा कोई और! सिंधिया को लेकर हालत अलग कैसे

इस बयानबाजी पर जब उनसे 2018 के विधानसभा के चुनाव की याद दिलाते हुए ईटीवी भारत संवाददाता ने सवाल किया कि उस दौर में कांग्रेस के लिए भी चेहरा सिंधिया थे, लेकिन सीएम कमलनाथ बनाये गये थे. फिर आज शिवराज से तकलीफ क्यों. इस बात का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि-" ये आपको कब पता चला कि 2018 में सिंधिया का चेहरा था, हमें तो नहीं पता था. मैं भी उसका हिस्सा था. हमने तो कभी नहीं कहा कि वे चेहरा थे. हमारा तब भी सामूहिक चेहरा था, आज में प्रदेश क्या कांग्रेस का अध्यक्ष हूं. हमारा नेतृत्व एक है, उस समय भी ऐसा ही था."

राम मंदिर पर बोले जीतू पटवारी- कांग्रेस का स्टैंड साफ है

राम मंदिर को उपलब्धि बता कर चुनावी फायदा लेने जैसे हालातों पर जब मीडिया ने पटवारी से बात की तो उनका कहना था कि, राम मंदिर पर कांग्रेस का स्टैंड साफ रहा है. कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्री ने जनमानस की भावना को देखते हुए जब यह अहसास किया कि वह जगह राम मंदिर की है, तो उसके दरवाजे खुलवाए थे. लेकिन कानूनी दांव पेचों के चलते इंतजार करना पड़ा. बाद में जब न्यायालय ने फैसला दिया की मंदिर बनना चाहिए, तो पूरे देश ने इसे स्वीकार किया. हमेशा संविधान का सम्मान किया है.

अब जब मंदिर बन रहा है, तब देश में भाजपा की सरकार है तो ये स्वाभाविक है, वे सत्ता में हैं, तो उसके क्रियाकलाप कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मत स्पष्ट है हमारी आइडियोलॉजी है कि जो जिस धर्म का स्वतंत्रता से अपना काम करे, अपनी जीवनशैली जिए. जिसको राम में विश्वास है, हिंदू में जिसको विश्वास है उत्सव मनाओ इसमें कांग्रेस स्पष्ट है.

ईवीएम पर अविश्वास, फिर भी कांग्रेस की जीत का भरोसा

वहीं जीतू पटवारी ने चर्चा के दौरान लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की जीत का भरोसा जताया. उन्होंने सरकार बनाने पर अग्निवीर योजना समाप्त किए जाने की बात कही. साथ ही ईवीएम पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि निर्वाचन भरोसे का प्रतीक है, लेकिन अब अब उस भरोसे पर सवाल खड़े हो रहे हैं. जिस पर गंभीरता से विचार होना चाहिए. बता दें जीतू पटवारी अपने दो दिवसीय दौरे पर भिंड पहुंचे. इस दौरान उनके साथ एमपी विधानसभा के नेता उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे और पूर्व मंत्री व विधायक जयवर्धन सिंह भी मौजूद रहे. वहीं अटेर में हुए कार्यक्रम के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी शामिल हुए.

बीजेपी ने दी पटवारी को सलाह

लगातार बीजेपी पर हमलावर रहे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के आरोपों पर बीजेपी का कहना है कि जीतू पटवारी को अपना ज्ञान सुधार लेना चाहिए. बीजेपी नेता और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रमेश दुबे ने आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि 2023 में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव पूरी तरह मोदी सरकार की योजनाओं और उनके नाम पर लड़ा गया था. यह कहना गलत होगा कि बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को चेहरा बनाया था, शिवराज सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री थे एक बेहतर लीडर थे. चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था. उन्होंने बीते 18 वर्षों में प्रदेश के विकास के लिए निस्वार्थ कार्य किया. बीजेपी ने कभी भी उन्हें अपना सीएम कैंडिडेट प्रोजेक्ट नहीं किया था.

'सिंधिया ही थे कांग्रेस की सरकार बनाने और गिराने वाले'

रमेश दुबे ने जीतू पटवारी को अपनी नॉलेज दुरुस्त करने की भी सलाह देते हुए कहा कि जब 2018 का चुनाव हुआ था. तब प्रदेश में सिंधिया की लहर थी. लोगों ने सिंधिया के चेहरे पर ही कांग्रेस को वोट दिया था और सरकार बनवाई, लेकिन उन्हें धोखा मिला था. इस बार सिंधिया बीजेपी में हैं. अगर लोगों ने सिंधिया के नाम पर तब वोट नहीं किया, तो इस बार कांग्रेस क्यों चंद सीटों पर सिमट गई, क्यों इस बार पहली जितनी सीटें नहीं जीत पायी.

कांग्रेस नेताओं का स्वागत

2018 में कांग्रेस की सरकार बनाने वाले भी सिंधिया थे और उसे गिराने वाले भी सिंधिया थे. रमेश दुबे ने आगे कहा की खुद जीतू पटवारी ने 2020 में उपचुनाव के दौरान कहा था कि बीजेपी 28 में से पांच सीटें भी जीती तो वे राजनीति छोड़ देंगे. इस बार भी उन्होंने कहा था कि 23 के चुनाव में बीजेपी की हार तय है. अगर नहीं हुई तो राजनीति छोड़ देंगे, लेकिन नतीजा सभी को पता है, वे अपनी ही सीट नहीं जीत सके.

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Last Updated : Jan 10, 2024, 4:18 PM IST

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