भिंड। प्रदेश में नर्मदा जी के नाम पर किसी ने लूट मचाई है, तो वह शिवराज हैं, प्रदेश में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहती है, तो वह श्यामला हिल्स मुख्यमंत्री निवास से बहती है. जब से शिवराज का कार्यकाल आया है, मध्यप्रदेश भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है. सीएम शिवराज सिंह चौहान पर यह तीखे कटाक्ष किए हैं, मध्यप्रदेश के कद्दावर कांग्रेस नेता और पूर्व सहकारिता एवं सामान्य प्रशासन और संसदीय कार्य मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने. ETV भारत से ख़ास बातचीत के दौरान उन्होंने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और सीएम शिवराज पर चुटकी ली. गौरतलब है कि भिंड के लहार विधानसभा क्षेत्र से लगातार 7 बार के विधायक और कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके डॉक्टर गोविंद सिंह हमेशा अपने बयान और विपक्षी नेता होने के नाते कटाक्षों के लिए सुर्ख़ियों में रहते हैं, एक बार फिर नर्मदा प्रोजेक्ट को लेकर शुरू हुई बीजेपी की अंदरूनी कलह पर उन्होने तंज कसा है, ETV भारत से ख़ास चर्चा करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा.
'शिवराज सरकार में जमकर हुआ भ्रष्टाचार'
पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि शिवराज और नरोत्तम मिश्रा के बीच जो भी चल रहा है, वह उनका आपसी मामला है. लेकिन यह बात भी सच है कि PHE विभाग में घटिया स्तर के पाइप ख़रीदे जाते हैं और करोड़ों का भ्रष्टाचार किया जाता है. सबसे ज़्यादा घोटाले जल संसाधन विभाग में ही होते आए हैं. ई टेंडरिंग घोटाला भी यहीं हुआ.सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने ऐसा कोई विभाग नहीं छोड़ा जहां भ्रष्टाचार न किया हो. गोविंद सिंह ने कहा कि कमलनाथ जब मुख्यमंत्री थे तब NBDA द्वारा कई प्रोजेक्ट लाए गए थे जिनमें नर्मदा नदी पर भी बांध बनाने के लिए दो बड़े प्रोजेक्ट थे. जिनमें से एक 4453 करोड़ रुपया का प्रोजेक्ट नरसिंहपुर ज़िले में और दूसरा 2359 करोड़ रुपये का प्रॉजेक्ट खरगोन ज़िले के लिए प्रस्तावित था. लेकिन सरकार के जाते ही इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट में 1578 करोड़ से ज़्यादा का इज़ाफ़ा हो गया, प्रॉजेक्ट के लिए जो पाइप ख़रीदने थे. उनकी क़ीमतों में भी डेढ़ हज़ार करोड़ का इज़ाफ़ा हो गया, इसमें खाने- पीने के लिए जितना पैसा बढ़ाया जा सकता था, उतना बढ़ा दिया गया, यह पूरा घोटाला मुख्यमंत्री के संरक्षण में हो रहा है. NBDA के अध्यक्ष ख़ुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं उन्हें तो उस पर जांच करानी चाहिए थी. इस दौरान उन्होंने भिंड ज़िले में कनेरा नहर परियोजना को लेकर हुए घोटाले का भी ज़िक्र किया.
पूरे प्रदेश की हालत है ख़राब-गोविंद सिंह
पूरे प्रदेश में शिवराज कार्यकाल के दौरान जितने भी टेंडर निकले हैं जितनी भी योजनाएं हैं उनके नियम भी भ्रष्टाचार के लिए रखे गए हैं, पूरे प्रदेश में 4.5 लाख पद ख़ाली पड़े हुए हैं, युवा बेरोज़गार घूम रहे हैं, उन्हें बेरोज़गारी भत्ता तक नहीं दिया जा रहा, ठेका प्रथा की वजह से पहले जब नियमित कर्मचारी होते थे उन्हें 22 हज़ार रुपये तनख़्वाह मिलती थी. आज 3-4 हज़ार रुपये मिल रहे हैं. पूरे प्रदेश की हालत ख़राब कर रखी है,इतना ही नहीं दो सवा दो लाख करोड़ का कर्ज़ा मध्य प्रदेश भर पर दिया है.