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ओडीएफ प्लस के लिए सर्वे शुरू, मानकों पर खरी नहीं उतरी गोहद नगर पालिका

खुले में शौच मुक्त घोषित होने के बाद गोहद नगर पालिका ने ओडीएफ प्लस के लिए आवेदन किया था. जिसके सर्वे का काम शुरू हो गया है. टीम जब सर्वे करने पहुंची, तो पालिका प्रशासन सर्वे के मानकों पर खरा नहीं उतरा. बताया जा रहा है कि ओडीएफ प्लस का तमगा हासिल करने के लिए नगर पालिका नियमों के विपरीत जाकर अधूरे मानकों पर सर्वे कराने में जुटी है.

ओडीएफ प्लस के लिए सर्वे शुरू

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Published : Nov 23, 2019, 9:32 AM IST

भिंड। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी शहरों को खुल में शौच से मुक्त करने के बाद अब ओडीएफ सर्टिफिकेट दिए जाने हैं. खुले में शौच मुक्त घोषित होने के बाद गोहद नगर पालिका ने ओडीएफ प्लस के लिए आवेदन किया था. जिसके लिए सर्वे टीम ने काम शुरू कर दिया है. सर्वे के लिए मानकों के हिसाब से गोहद नगर पालिका ने कोई तैयारी नहीं की थी, इस वजह से नगर पालिका सीएमओ ने इंजीनियर के साथ खुद मोर्चा संभाला और फिर सर्वे टीम नगर पालिका प्रशासन के दबाव में काम करती नजर आई.

कुछ दिन पहले नगर पालिका द्वारा बनाए गए सर्वश्रेष्ठ शौचालय का सेप्टिक टैंक खराब गुणवता के कारण निर्माण के कुछ महीनों बाद ही फूट गया था, जिसका आनन-फानन में कार्य शुरू हुआ है. गोहद नगर पालिका सर्वे के किसी भी मानक पर खरी नहीं उतरी, यही वजह है कि लोग खुले में शौच के लिए जा रहे हैं. बरथरा रोड, रोड बंधा और शहर के मुख्य मार्गों में भी लोग सुबह और शाम खुले में शौच कर रहे हैं.

सवाल उठ रहे हैं कि खुले में शौच होते हुए भी गोहद को खुले में शौच मुक्त कैसे घोषित कर दिया गया. गोहद नगर पालिका के पास सीवरेज टैंक से निकलने वाले मलबे का प्लांट में ट्रीटमेंट किया जाता है, लेकिन गोहद नपा के पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, उस मलबे को नगरपालिका कर्मचारी कहीं भी फेंक देते हैं.

ओडीएफ प्लस के लिए सर्वे शुरू

निगरानी करने पर पाया गया कि सर्वे टीम के साथ सीएमओ, इंजीनियर, स्वच्छता के नोडल अधिकारी, सफाई दरोगा से लेकर अधिकतर कर्मचारी सर्वे टीम पर निगरानी बनाए हुए हैं. सर्वे करने आये सर्वेयर न चाहते हुए भी दबाव में काम करते नजर आए. या यूं कहें कि नगर पालिका अपने हिसाब से सर्वे कर रही है, जिससे वह हर इस बार ओडीएफ प्लस का तमगा हासिल कर सके.

ओडीएफ प्लस के मानक

  • शहर में कहीं पर भी खुले में शौच नहीं होनी चाहिए.
  • नगर पालिका सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालय का निर्माण और रखरखाव करे.
  • शौचालय में पानी की व्यवस्था होनी चाहिए
  • उचित लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए
  • शौचालय में किसी भी तरह की टूट-फूट नहीं होनी चाहिए.
  • हाथ धोने के लिए साबुन और वॉश बेसन की व्यवस्था
  • बच्चों के लिए अलग शौचालय जिनमें गेट की जगह पर परदे लगे होने चाहिए
  • दिव्यांगों के लिए शौचालय में रैम्प बना और उसकी सीट पाश्चात्य तरीके की होनी चाहिए.
  • शौचालय 24 घंटे चालू रहने चाहिए.
  • शौचालय के रखरखाव के लिए एक व्यक्ति अनिवार्य रूप से तैनात होना चाहिए
  • शौचालय में बिजली का कनेक्शन होना चाहिए.

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