भिंड। महामारी कोरोना वायरस ने दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था को घुटनों पर ला दिया है. अगर दुनिया इस संकट पर जीत भी हासिल कर लेगी तो भी गिरती हुई अर्थव्यवस्था को संभाल पाना मुश्किल होगा. देश के अंदर भी कुछ ऐसे ही हालात है. जहां लॉकडाउन की वजह से छोटे और बड़े धंधे बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. किसान भी अपनी कटी हुई फसल को लेकर काफी चिंतित है. एक तो खेतों में तैयार रखी फसल और दूसरी प्रदेश में मंडराते बादल, ऐसे में फूल की खेती करने वाले किसानों का भी हाल बुरा कुछ अच्छा नहीं है.
भिंड में फूलों का उत्पाद पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है. न शादियां हो रही है ना मंदिर खुले हैं. जिसके चलते किसानों से फूल व्यापारी भी फूल नहीं खरीद रहे हैं. इसका सीधा असर उत्पादकों पर पड़ रहा है. खेतों में फूलों की फसल खड़ी है लेकिन खरीदने वाला कोई नहीं हैं. फूल की खेती करने वाले किसानों की हालत यह हो गई है कि उन्हें फसल की लागत निकलने की भी उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है. फूल उत्पादक के लिए जीवन यापन के करना टेड़ी खीर साबित हो रहा है.