भिंड।मध्यप्रदेश सरकार में नगरीय प्रशासन और आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया भिंड पहुंचे. इस दौरान ईटीवी भारत ने राज्यमंत्री से खास बातचीत की. उन्होंने सदन में विपक्ष के हंगामे पर चुटकी ली, साथ ही प्रदेश में शराबबंदी को लेकर चल रहे सियासी ड्रामे पर भी बढ़ा बयान दिया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए और मंत्रीजी ने और क्या कहा आइए जानते हैं.
सवाल:विधानसभा सत्र चल रहा है, और इस बीच पहले दिन से ही सदन में हंगामा देखने को मिला. इस सत्र में विपक्ष लगातार आक्रामक रुख अपना रहा है. पूर्व सीएम कमलनाथ के भी बयान सामने आए है. विधानसभा सत्र के दौरान सदन के माहौल को लेकर आप क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: सदन के विधानसभा सत्र में कांग्रेस पूरी तरह बैकफुट पर आ गई है. यह दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस के नेता कमलनाथ की बात खुद उनके विधायक जीतू पटवारी नहीं सुनते हैं, और पहली बार इतिहास में जीतू पटवारी ने इतना अमर्यादित कार्य किया है. वे राज्यपाल के अभिभाषण से पहले ही ट्विटर के माध्यम से सदन के वॉकआउट की घोषणा कर देते हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि वह किस बात के लिए सदन के वॉकआउट की घोषणा कर रहे थे. राज्यपाल के अभिभाषण को बिना सुने ही उसका बहिष्कार कैसे किया जा सकता है. इसके अगले ही दिन पटवारी ने बयान देते हुए कहा था कि "मैं कमलनाथ जी की चरणों की धूल हूं, लेकिन मेरा फैसला वही रहेगा." तो यह बात सिद्ध कर रही है की कांग्रेस टुकड़ों में बंटी हुई है. कांग्रेस के नए लोगों में भी अंतरकलह और अंतर संघर्ष की स्थिति गयी है. कांग्रेस, बीजेपी के लिए अब कोई चुनौती नहीं रही है. राज्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस का स्तर हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा के चुनाव में स्पष्ट हो चुका है. उत्तर प्रदेश की जनता ने पीएम मोदी, सीएम योगी और बीजेपी पार्टी पर भारी विश्वास जताया है. पूर्ण रूप से बीजेपी को देश की जनता ने स्वीकार किया है, और अपना आशीर्वाद भी दिया है. ओपीएस ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी अपनी जीत का परचम लहरायेगी यह तय है.
सवाल: आपने चार राज्यों में बीजेपी की जीत की बात कही, लेकिन पंजाब में सभी ने देखा बीजेपी सिर्फ दो सीट लेकर आई और दिल्ली के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी की आंधी ने कांग्रेस तक को उड़ा दिया. अब भविष्य में बीजेपी को आम आदमी पार्टी किस तरह का टक्कर देगी, और आप बीजेपी के लिए आम आदमी पार्टी को कितना टक्कर का मानते हैं?
जवाब: मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि, पंजाब में बीजेपी कभी मुख्य प्रतिद्वंदी पार्टी नहीं रही है. वहां बीजेपी अकाली दल के साथ गठबंधन में काम करती थी, लेकिन आपने पंजाब का उदाहरण दिया तो इस बात को जोड़ते हुए मैं आपकी बात से सहमत हूं. मैं बताना चाहूंगा कि ऐसे कई प्रदेश हैं, जैसे मैं उत्तर प्रदेश का उदाहरण दे रहा हूं, जहां आम आदमी पार्टी को नोटा से भी कम वोट मिले हैं. ऐसे में अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि पूरे देश में या अन्य प्रदेश में 'आप' कोई विकल्प बन सकती है. हर क्षेत्र की परिस्थितियां और समस्याएं अलग होती हैं जिनको देखते हुए वहां की जनता निर्णय करती है. रहा सवाल पंजाब का तो वहां के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हारना यह साबित करता है कि वहां से कांग्रेस खत्म हो चुकी है. कांग्रेस से जनता निराश हो चुकी है, और कांग्रेस से लोगों का विश्वास उठ चुका है, यह तय है कि इस बार वहां कांग्रेस के विरोध में वोट था.