भिंड। मध्यप्रदेश में ठंड का कहर जारी है, ऐसे में ठिठुरती रातों में बेसहारा लोग जिनके सिर पर छत नहीं होती, जब कोई यात्री दूसरे शहरों से अपना पड़ाव डालते हैं लेकिन रात में सोने के लिए उनके पास आसरा नहीं होता. ऐसे लोगों के लिए सभी जिलों में शासन और प्रशासन की ओर से रेन बसेरों की व्यवस्था है. इस कोरोना काल में भिंड में इन रेन बसेरों के क्या हालात हैं, वहां क्या व्यवस्थाएं हैं, इसका ईटीवी भारत ने जायजा लिया.
भिंड में 7 डिग्री तापमान
जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है, ऐसे में साफ सफाई और खुद को सुरक्षित रखने के लिए सेनिटाइजेशन का ख्याल हर जगह आ जा रहा है. सर्दी के मौसम में कोरोना का प्रकोप और बढ़ने की आशंका है. लगातार बदलते मौसम में पूरे उत्तर भारत में शीतलहर शुरू हो चुकी है, जिसकी वजह से प्रदेश के कई जिलों में कड़कड़ाती सर्दी पड़ रही है. कुछ ऐसे ही हालात भिंड जिले में भी हैं, जहां फिलहाल न्यूनतम पारा 7 डिग्री सेल्सियस के स्तर तक पहुंच चुका है. ऐसी ठंड में बाहर से आने वाले यात्री और बेसहारा लोगों के लिए रेन बसेरा इस सर्दी से बचने का सहारा है. अमूमन जिले के रेन बसेरे में बाहर से आने वाले यात्री ही रुकते हैं, जिन्हें रात होने की वजह से रैन बसेरों में रुकना पड़ता है.
रेन बसेरे पर अव्यवस्थाओं का आलम
भिंड शहर में प्राइवेट बस स्टैंड पर बने रेन बसेरे के हालात जानने जब ईटीवी भारत मौके पर पहुंचा तो रेन बसेरे में प्रवेश के साथ ही एक बड़ी कमी सामने आई, इस रैन बसेरा में नगर पालिका द्वारा कहीं भी किसी तरह के सेनिटाइजेशन की व्यवस्था नहीं थी.वहीं पेयजल व्यवस्था भी अव्यवस्था की शिकार थी. कहने को तो रैन बसेरे में वॉटर कूलर लगाया गया था, साथ ही एक आरओ फिल्टर भी लगा हुआ था, लेकिन आरओ वॉटर फिल्टर महज नाम के लिए लगा था, जबकि वॉटर कूलर में पानी की सप्लाई डायरेक्ट टेप वॉटर यानी आम इस्तेमाल के लिए रखी गई पानी की टंकी से किया गया था. यह वही पानी है जो लोगों के नहाने धोने और दूसरी व्यवस्थाओं के काम आता है.
10 बेड की व्यवस्था लेकिन सैनिटाइजेशन नहीं
रेन बसेरा के हॉल में प्रवेश के साथ ही हमने पाया कि प्राइवेट बस स्टैंड पर बने आश्रय पर दस बेड की व्यवस्था है. जिनमें से करीब 8 बेड यात्रियों से घिरे हुए थे, इन यात्रियों से बात करने पर पाया कि जिन यात्रियों से बात की वह अलग-अलग तरह की बातें कर रहे थे. इन यात्रियों ने बताया कि उन्हें इस रेन बसेरा पर मिली व्यवस्थाएं काफी संतोषजनक हैं. उन्हें सोने के लिए बेड मिला है, साथ ही ठंड से बचने के लिए कंबल की सुविधा भी दी गई है. हालांकि जब उनसे सवाल किया गया कि कोरोना के खतरे को देखते हुए क्या उनके बिस्तर सेनिटाइज किए गए थे, क्या उनके हाथ सेनिटाइज किए गए तो एक यात्री का कहना था क्यों उन्हें पूरी व्यवस्थाएं मिली है. वहीं दूसरे यात्री ने सेनिटाइजेशन की बात पर ना कहा.