भिंड।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह ही सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ बृजेश शर्मा ने जागरूकता मुहीम छेड़ी है. वे दो साल से साइकिल पर सवार होकर भारत यात्रा कर रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहे हैं. बृजेश अब तक 36 हजार किलोमीटर का सफर और 30 लाख छात्रों तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं. बृजेश हाल ही में भिंड आए और उन्होंने यहां की जनता को भी प्लास्टिक का इस्तेमाल करने से मना किया.
ईटीवी ने भारत साइकिलिस्ट बृजेश शर्मा से की बात:सभी जानते हैं कि धरती से मिलने वाले कई पदार्थों में से एक है प्लास्टिक, लेकिन हमारे पर्यावरण के लिए बेहद नुकसान दायक है. खासकर सिंगल/वन टाइम यूज प्लास्टिक प्लास्टिक के खिलाफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुहीम छेड़ी थी. यूज्ड प्लास्टिक के नुकसान को देखते हुए और पीएम मोदी की अपील से प्रभावित 35 साल का एक युवा पिछले दो साल से जॉर्जिया की अपनी नौकरी छोड़कर भारत में जागरूकता लाने के लिए साइकिल से सफर कर रहा है.
इसी मुहिम के तहत साइकिलिस्ट बृजेश शर्मा भिंड पहुंचे और इस दौरान उन्होंने अपने जीवन और इस उद्देश्य (One time use plastic ban) से जुड़े विचार और अनुभव को ईटीवी भारत से साझा किया. बृजेश शर्मा की क्रांतिकारी विचार और पर्यावरण के लिए कुछ कर गुजरने का इरादा और संकल्प उन्हें आम युवकों से अलग बनाता है. उन्होंने पैसे को नहीं बल्कि पर्यवारण के लिए जीवन समर्पित कर दिया है. बृजेश देशभर में लोगों को (Single use plastic ban) जागरूक करने के लिए साइकिल से यात्रा कर रहे हैं.
वन टाइम यूज प्लास्टिक के खिलाफ बृजेश शर्मा गजब का फॉर्मूला : इधर से प्लास्टिक डालो... उधर से पेट्रोल निकालो!
एक टीवी प्रोग्राम ने बदली जिंदगी:मुरैना में जन्में बृजेश शर्मा की स्कूलिंग यहीं से हुई. इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए साइकिलिस्ट बृजेश भोपाल आए. कुछ साल के बाद उन्हें एक नामी मल्टीनेशनल कंपनी जॉर्जिया में नौकरी का अवसर मिला. प्रकृति के प्रति लोगों को जागरूक करने का यह सफर भी वहीं से शुरु हुआ. बृजेश ने बताया कि, जब वे जॉर्जिया में थे उस दौरान एक दिन टीवी पर एक नेचर प्रोग्राम देख रहे थे, जिसमें दिखाया गया कि किस तरह एक पक्षी तालाब के किनारे पानी पी रहा था, और कहीं से उड़कर आयी एक पॉलीथिन उसके पैरों में फंस जाती है. इसकी वजह से अगले तीन दिन तक पक्षी उससे निकलने की जद्दोजहद करता रहा, लेकिन इसी तरह फंसे रहने की वजह से अंत में उसकी मौत हो जाती है.
विदेशी नौकरी छोड़ 'घर' को जागरूक करने निकले बृजेश:नेचर प्रोग्राम में दिखे इस वाकये ने बृजेश को अंदर तक झखझोर दिया. इसके बाद उन्होंने वन टाइम यूज प्लास्टिक के बारे रीसर्च की और इसके बारे में जो तथ्य और उससे होने वाले नुकसान की जानकारी सामने आई तो वे काफी परेशान हुए. इस बारे में उन्होंने कुछ करने की ठानी एक बदलाव लाने की ठानी, उन्होंने इसकी शुरुआत खुद अपने देश भारत से करने का विचार बनाया और जॉर्जिया की नौकरी छोड़ कर वापस देश आ गए.
सिंगल/वन टाइम यूज प्लास्टिक के विरोध में पीएम मोदी द्वारा की गई अपील ने भी उन्हें प्रभावित किया. बृजेश ने सितंबर 2019 में गुजरात के गांधीनगर से इस मुहिम की शुरुआत की. वह साइकिल के सफर पर निकले और इस दौरान उन्होंने 7 राज्यों का सफर किया. अब तक बृजेश इस वन टाइम यूज प्लास्टिक के तहत 36 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर चुके है. बृजेश हजारों स्कूलों में सेमिनार कर 30 लाख छात्रों को अवेयर कर चुके हैं.
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स्पीच नहीं एक्शन में रखते हैं भरोसा:बृजेश का कहना है कि कोई भी बदलाव सिर्फ कहने या स्पीच देने से नहीं आता है, उसके लिए खुद एक्शन लेना पड़ता है. वह वन टाइम यूज प्लास्टिक कार्यक्रम के तहत जहां भी साइकिल यात्रा करके पहुंचते हैं, बृजेश खुद कचरा उठाने लगते हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले वह गोवा में थे, जहां के बीचेस पर वे हर सुबह प्लास्टिक और कचरा हटाने जाते थे. कुछ दिन के प्रयास के बाद वहां के स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधियों के साथ दुकानदारों ने भी इस काम की सराहना की, और जगह-जगह डस्टबिन रखवा दिए. इस वजह से बृजेश ने बताया कि वहां के बीच काफी साफ हो गए हैं.
महिलाओं को बनाया शशक्त:बृजेश ने बताया कि भिंड दौरे के पीछे भी उनकी एक वजह थी. भिंड के ऋषि स्वर समूह (Rishi swar samooh Bhind) की तरफ से उन्हें भिंड आगमन का न्योता मिला था. बृजेश को इस ऋषि स्वर समूह के संचालकों ने बताया कि, यह ग्रुप और उसके सदस्य उनके कार्य से इंस्पायर हैं, और उनके इस काम को आगे बढ़ा रहे हैं. वे महिलाओं को सिलाई मशीन देकर उनकी आजीविका को पर्यावरण से जोड़ने का काम कर रहे हैं. इन महिलाओं को कपड़ा दिया जाता है, जिससे कपड़े के थैले बनवाये जाते हैं. इन थैलों को भी यह समूह खरीदता है. इस तरह वन टाइम यूज प्लास्टिक के उयोग को कम करने और महिलाओं को सशक्त बनाने का काम सराहनीय है. (Cyclist Brijesh Sharma) (Brijesh Sharma against single use plastic ) ( ETV Bharat talks to Brijesh Sharma in Bhind)