Chaitra Navratri 2023: देवी के नौ स्वरूपों की पूजा नवरात्रि में की जाती है. पहले दिन जहां माँ शैलपुत्री का पूजन हुआ. वहीं बाकी 8 दिनों में माता के आठों रूपों की पूजा होगी. जिसमें उनके लिए निर्धारित प्रसाद का भोग लगाया जाएगा. इस प्रसाद का महत्व बहुत होता है, क्योंकि अपने प्रिय प्रासाद से माता प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा भक्तों पर सदैव बनी रहती है.
किस दिन चढ़ाएं कौन सा प्रसाद:
माता शैलपुत्री को चढ़ाएं यह भोग:पहला दिन माता शैलपुत्री को समर्पित होता है. माता की सवारी वृषभ होने से उन्हें गाय के दूध से बने पदार्थों और गाय के घी से तैयार प्रसाद का भोग लगाया जाना चाहिए, इससे माता बहुत प्रसन्न रहती हैं.
माता ब्रह्मचारिणी को शक्कर के प्रसाद प्रिय: दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी का माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि माता को शक्कर के बने प्रसाद प्रिय हैं. जो भक्त शक्कर के प्रसाद माता पर चढ़ाते हैं उन पर मैया विशेष कृपा करती हैं.
माँ चंद्रघंटा को दूध का प्रसाद पसंद: तीसरा दिन माता चंद्रघंटा का है जो शेर पर सवारी करती हैं. माँ चंद्रघंटा को दूध का प्रसाद पसंद हैं ऐसे में दूध का भोग बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है.
माता कुष्मांडा को लगाएं मालपुआ का भोग: चौथे दिन माता कुष्मांडा देवी की पूजा की जाती है. जिनके लिए मालपुआ का भोग तैयार करना चाहिए. उन्हें मालपुए बहुत प्रिय है. इसका भोग लगाने से माता आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद देती हैं.
स्कन्दमाता को केले प्रिय: पाँचवा दिन स्कन्दमाता को समर्पित होता है. इस दिन माता को केले का भोग लगाना शुभ माना जाता है केले का भोग उन्हें प्रिय है जिससे वे जल्द प्रसन्न हो जाती हैं.