Budhaditya Yoga 2023:ग्रहों के राजा सूर्य का प्रताप किसी से छिपा नहीं है, ये ग्रह ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत है. ज्योतिष में सूर्य ग्रह को शक्ति, बल, अधिकार, पिता का कारक माना गया है, वहीं ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध ग्रह भी किसी से कम नहीं है. इन्हें बुद्धि, भाषण संचार का स्वामी माना गया है और जब किसी राशि में इन दोनों ग्रहों की मौजूदगी होती है या कहें दोनों ग्रहों की युति बनती है, तब बुधादित्य योग का निर्माण होता है. आइये जानते हैं इस विशेष योग और इससे होने वाले लाभ के बारे में..
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की दशा जातकों के जीवन में आने वाले समय की दिशा तय करती हैं. जब दो या उससे अधिक ग्रह किसी राशि या कुंडली के भाव में एक साथ आते हैं, तो उनकी युति विशेष योगों का निर्माण करती है. इनके फलस्वरूप राशि जातकों के जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ते हैं, लेकिन जब बात शुभ और ऊर्जावान ग्रहों की होती है तो ऐसे ग्रहों की युति सकारात्मक रूप से फलदायी साबित होती है. ऐसी ही युति आने वाली 24 जून को बनने जा रही है और इसके असर से राशि चक्र की तीन राशियों की किस्मत राजाओं की तरह चमकने वाली है.
ज्योतिष में बुधादित्य योग का महत्व:जब कुंडली में सूर्य और बुध ग्रहों की एक ही भाव में एक साथ मौजूदगी होती है, तब बुधादित्य योग बनता है. इस योग को विशेष राज्यों की श्रेणी में माना गया है, हालाँकि यह बुध या सूर्य की महादशा में अपना लाभ देता है. माना जाता है कि जब कुंडली में गुरु या शुक्र के साथ बुध और सूर्य मौजूद हों तो यह योग जातक को अध्यात्म की और ले जाता है. ज्योतिषविदों का मानना है कि बुधादित्य योग के लाभों का जातक को सबसे अच्छा परिणाम तब प्राप्त होता है, जब यह योग अनुकूल भावों में स्थित हो. हालांकि इस योग का शुभ होना कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है.
बुधादित्य योग का निर्माण से जुड़ी अहम बातें:ज्योतिष शास्त्र में बुधादित्य योग निर्माण के शुभ फल तब प्राप्त होते हैं, जब कुंडली के लग्न भाव में हितकारी सूर्य और बुध दोनों ग्रह मौजूद हों तब यह योग बनता है. साथ ही दोनों ग्रह नक्षत्र और उनकी डिग्री के हिसाब से शुभ स्थिति में होना चाहिए, हालांकि माना जाता है कि बुधादित्य योग का निर्माण कुंडली के त्रिक भाव जैसे 6वें, 8वें या 12वें भाव में नहीं होना चाहिए. साथ ही दोनों ग्रहों की युति 10 डिग्री से दूर या 3 डिग्री से ज्यादा पास नहीं बननी चाहिए, इसके साथ ही कुंडली में शनि, राहु या केतु जैसे पापी ग्रहों की दृष्टि या इनके साथ सूर्य और बुध की युति नहीं बननी चाहिए. Surya Budh Yuti June 2023
इन राशियों पर होगी बुधादित्य योग की मेहरबानी