भिंड।बचपन से ही हर किसी में लीडर बनने की चाह होती है, कोई इसके लिए किसी संगठन का हिस्सा बनता है तो कोई राजनीति को चुनता है. कई लोग समाजसेवा के जरिए भी अपने आपको को बतौर नेतृत्वकर्ता स्थापित कर लेते हैं. कहीं आपदा या विपदा हो या किसी जरूरतमंद को मदद चाहिए हो, तो अक्सर मदद करने वाले के हाथ खुद-ब-खुद उठ जाते हैं, लेकिन कई बार ऐसे प्रयास लम्बे समय तक उनके काम नहीं आते. इस सब से हटके जो लोग समाज के लिए काम करते हैं या करना चाहते हैं उन्हें समाज में रहकर सेवा का असल भाव सिखाने के लक्ष्य से मध्यप्रदेश सरकार एक विशेष प्रोग्राम चला रही है, जिसे मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम (CMCLDP) नाम दिया गया है.
समाज सेवा के गुर सिखा रही है एमपी सरकार वर्षों से ठंडे बस्ते में था कार्यक्रम:मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए जनभागीदारी से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का सपना साकार करने के लिए मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम का शुभारम्भ 2016 में किया गया था. लेकिन, कुछ समय बाद इसका संचालन ठीक से ना होने से यह योजना ठंडे बस्ते में चली गयी थी. अब एक बार फिर मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के जरिए इसे हर जिले में ब्लॉक स्तर पर शुरू किया गया है.
मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम (CMCLDP) चित्रकूट यूनिवर्सिटी से मिलेगी समाजसेवा की डिग्रियां:भिंड जिले के सभी विखासखंडों में जन अभियान परिषद की मदद से इस कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम के माध्यम से युवा एक दीर्घकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेते हैं जिसके अंतर्गत उन्हें सफल शिक्षण प्रशिक्षण के बाद बैचलर ऑफ सोशल वर्क (BSW) 3 वर्षीय या मास्टर ऑफ सोशल वर्क (MSW) दो वर्षीय की डिग्री दी जाएगी. इसके लिए सरकार ने उत्तर प्रदेश में चित्रकूट के महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय से टाइ-अप किया है.
छात्र, किसान से लेकर गृहणियां ले रहीं बढ़चढ़ कर हिस्सा:भिंड के रौन विकासखंड के समन्वयक जय प्रकाश शर्मा ने बताया कि यह एक डिसटेंस लर्निंग प्रोग्राम है. जिसके तहत एक शैक्षणिक सत्र में 40 कक्षाएं संचालित की जाएंगी, जो प्रत्येक रविवार को सभी विकासखंडों पर संचालित हो रही हैं. इस कार्यक्रम में सप्ताह में छह दिन प्रतिभागी छात्रों को अपने-अपने गांव में फील्ड वर्क करना होगा, जबकि एक दिन विकासखंड मुख्यालय या जहां भी कार्यक्रम संचालित होता है वहां उपस्थित होना होगा. यह दोनों ही कोर्सेस देश की नई शिक्षा नीति के तहत संचालित किए जा रहे हैं. वर्तमान में रौन जनपद में 65 छात्र पंजीकृत हैं, जबकि जिले में यह संख्या 300 के पार है. इनमें हर वर्ग के छात्र, समाजसेवी लोग, गृहणियां और कृषक आदि बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं और कक्षा का संचालन रविवार के दिन किया जाता है.
ट्रेनिंग लेते भिंड के युवा तैयार किए जा रहे समाज में बेहतर ढंग से कार्य करने वाले लीडर:शासन द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य ऐसे लीडर तैयार करना है जो समाज के अंदर बेहतर ढंग से कार्य कर सकें साथ-साथ शासन की योजनाओं, विभिन्न कार्यक्रम, जागरूकता अभियान, पखवाड़े आयोजनों का क्रियान्वयन और संचालन बेहतर ढंग से कर सकें जिससे लोगों में सटीक और सही संदेश जा सके. इसके बदले इन समाजसेवी छात्रों को प्रमाणपत्र प्रदान किए जाते हैं.
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समाजसेवा से मिलेगा नौकरी का अवसर:किसी भी डिग्री या डिप्लोमा कोर्स के पीछे छात्र की मंशा भविष्य में नौकरी कर आर्थिक तौर पर जीवन यापन की व्यवस्था कर अपना भविष्य सुरक्षित करना होता है, लेकिन सिर्फ समाज सेवा के जरिए भविष्य नहीं बनाया जा सकता. ऐसे में आखिर इन डिग्री कोर्स के जरिए नौकरी का कितना स्कोप है इस बात का जवाब देते हुए समन्वयक जय प्रकाश शर्मा ने बताया कि आज शासन के द्वारा विभिन्न विभागों में एमएसडबल्यू और बीएसडबल्यू के तहत वेकेन्सीस डेवेलप हो रही हैं. (Chief Minister Community Leadership Development Programme)