भिंड। एमपी में 17 फरवरी से एमपी बोर्ड एग्जाम शुरू हो गए हैं. आज पहले दिन 12वीं क्लास का अंग्रेजी का पेपर था. इससे एक दिन पहले ही भिंड जिला शिक्षा अधिकारी ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया. इस आदेश के अनुसार परीक्षा दिनांक को संबंधित विषय के शिक्षक को एग्जाम होने तक थाने में रहना होगा. डीईओ साहब ने यह कदम नकल रोकने के लिए उठाया, लेकिन व्यवस्थाओं के इंतजाम करना भूल गए. गुरुवार सुबह आठ बजे से ही शिक्षक नजदीकी थाने पर पहुंच गए, लेकिन वहां से उन्हें भगा दिया गया. हालांकि बाद में उन्हें डाइट में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन शिक्षकों में इस व्यवहार को लेकर काफी रोष है. (board exam in bhind)
थाने में हाजिरी लगाने पहुंच रहे शिक्षक
जिन शिक्षकों को लोग भगवान का दर्जा देते हैं, उन शिक्षकों को शिक्षा विभाग के एक आदेश ने अपराधियों से तुलना कर दी. माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयोजित की जा रही बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने की कोशिश के तहत जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किए गए तुगलकी फरमान के बाद आज के एग्जाम के पेपर इंग्लिश के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा थानों में हाजिरी देने का सिलसिला शुरू हो गया है. (bhind education officer order)
कोचिंग संचालकों से अपराधियों के समान व्यवहार
शहर में तीन स्थानों पर पुलिस का पहरा बिठाया गया है. मेहंगाव में आधा दर्जन शिक्षकों को थाने में बिठाया गया. इस दौरान भिंड के डाइट परिसर में बनी एक बिल्डिंग में बैठाए गए शिक्षकों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि उन्हें एसडीएम द्वारा थाना में सुबह 8 बजे पेश होने और परीक्षा समय तक रहने का निर्देश दिया हैं. जब थाने पहुंचे तो वहां से उन्हें भगा दिया गया. इसके बाद डीईओ ने उन्हें डाइट में आने को कहा. इस तरह की स्थिति बेहद अपमानजनक है. शिक्षक के साथ अपराधियों के समान ट्रीट किया जा रहा है. कोचिंग पढ़ाने वाले इन शिक्षकों का कहना है कि उन्हें आज इस बात का दुःख है की वे शिक्षा के क्षेत्र में हैं. (bhind teachers house arrested)
मेहंगाव में थाने में बैठे मास्साब
मेहगांव पुलिस थान में भी सुबह 8 बजे से ही शिक्षक पहुंचना शुरू हो गए थे. आधा दर्जन शासकीय और अशासकीय शिक्षकों ने मेहगांव थाने में पहुंचकर उपस्थिति दर्ज कराई. उनका कहना है कि वह तो बच्चों को पढ़ाकर सामाजिक कर्तव्य की अपनी योग्यता के माध्यम से पूर्ति करने का प्रयास कर रहे हैं. प्रशासन का जो भी आदेश होगा उसका पालन जरूर करेंगे, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी का शिक्षकों की गरिमा के खिलाफ आदेश है, जिसका विरोध अपने प्रदेश अध्यक्ष के माध्यम से विरोध दर्ज कराएंगे. (bhind teacher protest)