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Flashback:2020 चेतावनी! लापरवाही बरतने से पहले भिंड में सड़क हादसों के आंकड़े जान लें

भिंड में सड़क हादसों के चलते पिछले तीन सालों में करीब 500 लोगों ने जान गवां दी है. साल 2020 में भी सड़क दुर्घटनाएं देखने को मिलीं हैं. आखिर क्या वजह से कि जिले में लगातार सड़क दुर्घटनाएं हो रहीं हैं..? देखें ईटीवी भारत की ये रिपोर्ट...

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Published : Dec 29, 2020, 4:02 PM IST

Updated : Dec 29, 2020, 6:02 PM IST

भिंड। कहते हैं दुर्घटना से देर भली.... क्योंकि अक्सर जल्दबाजी ही हादसों का सबब बनती है. ये हादसे कई बार जिंदगी भर ना भरने वाले जख्म दे जाते हैं. ऐसे जख्म जिनका दर्द सिर्फ हादसों का शिकार हुए लोगों के परिजनों को महसूस होता है. भिंड जिला भी इस तरह की अनहोनी से अछूता नहीं है. यहां हर साल करीब डेढ़ सौ लोग अपनी जान सड़क हादसों में गवां देते हैं. पिछले 3 साल में भिंड जिले में करीब 2000 से ज्यादा सड़क हादसे हुए. इन हादसों में 500 से ज्यादा लोग काल के गाल में समा गए.

भिंड में सड़क हादसे

नेशनल हाईवे-719पर हो रहे हादसे

भिंड जिले में हुए सड़क हादसों का विश्लेषण भी जरूरी है. क्योंकि किसी भी हादसे के पीछे की वजह, भविष्य में होने वाले हादसों को रोकने में मदद कर सकती है. अमूमन जिले में सबसे ज्यादा हादसे नेशनल हाईवे-719 पर होते हैं. भिंड-ग्वालियर-इटावा राजमार्ग पर हर साल 250 से ज्यादा हादसे हो रहे हैं. करीब 85 लोग इन दुर्घटनाओं में अपनी जान गवां देते हैं.

हादसे का शिकार हुआ ट्रक

पिछले तीन साल के आंकडे

साल कुल हादसे घायल मौत
2018 716 798 198
2019 678 677 165
2020 621 671 148

ओवर स्पीडिंग बड़ी समस्या

नेशनल हाईवे पर होने वाले हादसों में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं तेज रफ्तार की वजह से होती हैं. हाईवे पर हेवी व्हीकल भारी संख्या में ग्वालियर भिंड इटावा के बीच निकलते हैं. चूंकि जिले में नेशनल हाईवे ज्यादातर मुख्य कस्बों से होकर गुजरता है, ऐसे में इस हाईवे पर चलने वाले ज्यादातर वाहनों की गति अधिक होती है. एक बड़ी कमी इस बात को लेकर भी है यहां स्पीड लिमिट का भी ध्यान नहीं रखा जाता है. जिसकी वजह से वाहन चालक तेज रफ्तार में अपनी गाड़ियां लेकर गुजरते हैं. अक्सर मोड़ या ओवर टेकिंग में अनियंत्रित होने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं.

सड़क किनारे खड़े ट्रक

खड़े ट्रक भी बनते हैं हादसों की वजह

दिन के अलावा और रात में भी कई हादसे देखने को मिले हैं. इनकी वजह ज्यादातर सड़क किनारे खड़े ट्रक होते हैं. अक्सर हाईवे पर ट्रक खराब होने की वजह से या रात हो जाने की वजह से ट्रक चालक सड़क किनारे रोडसाइड ढाबों पर ही अपने वाहन पार्क कर देते हैं. रात के समय उस रास्ते से गुजरने वाले वाहन कई बार इन वाहनों को देख नहीं पाते और हादसों का शिकार हो जाते हैं. हाल ही में 1 दिसंबर को ग्वालियर से शादी समारोह में शामिल होकर वापस अपने घर फूप लौट रहा एक परिवार ऑटो से सफर कर रहा था. सुबह करीब 4:00 बजे गड़ी मोड़ पर ऑटो स्पीड ब्रेकर पर खड़े ट्रक से जा टकराया. इस हादसे में परिवार के तीन सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए.गनीमत रही कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई.

सर्दियों में कोहरे की वजह से भी होते हैं हादसे

राष्ट्रीय राज मार्ग पर सर्दियों के समय कोहरा भी हादसों की वजह बनता है. एनएच-719 पर दोनों ओर ओपन फील्ड और खलिहान हैं. ऐसे में सर्दियों में हाईवे पर कोहरा काफी घना होता है. जिसकी वजह से विजिबिलिटी बेहद कम हो जाती है. अक्सर तेज रफ्तार से आ रहे वाहन कोहरे की वजह से भिड़ंत का शिकार हो जाते हैं.

रश ड्राइविंग भी एक कारण

भिंड जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव कंचन का मानना है कि पिछले 2 साल में हादसों की संख्या में लगातार गिरावट देखी गई है. हालांकि इन हादसों के पीछे की वजहों के बारे में अगर विश्लेषण किया जाए, तो इनमें रश ड्राइविंग यानी लोग वाहनों को काफी तेज रफ्तार से वाहन चलाना बड़ा कारण है. कई मामले ड्रिंक एंड ड्राइव के भी होते हैं. जिनकी वजह से काफी एक्सीडेंट देखने को मिलते हैं.

चलाये जाते हैं जागरूकता अभियान

एडिशनल एसपी संजीवन कंचन ने बताया कि इस तरह की परिस्थितियां सामने आने के बाद भिंड पुलिस और यातायात विभाग द्वारा भी लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. मीडिया के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जाता है. इसके अलावा ब्लैक स्पॉट भी चिन्हित किए गए हैं. जिससे हादसों को रोका जा सके.

पहली नजर में भले ही यह आंकड़े सुधरते दिख रहे हों. बीते 3 साल में सड़क हादसों से लेकर मरने वालों की संख्या में कमी नजर आती है. लेकिन 2020 में इन आंकड़ों को भयावह माना जाएगा, क्योंकि कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन के समय लगभग सभी जगह वाहनों की आवाजाही कम होने के बावजूद 600 से ज्यादा हादसे हुए. जिनमें करीब 148 लोगों की मौत बेहद चिंताजनक है.

Last Updated : Dec 29, 2020, 6:02 PM IST

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