भिंड।पुलिस ने फर्जी जज को गिरफ्तार किया है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और भिंड में अपनी पदस्थापना बता कर परिवार सहित अन्य लोगों को धोखा दे रहा था. पुलिस आरोपी से गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में जुटी है. माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को धोखा देने के लिए आरोपी ने इस तरह का कदम उठाया था. बताया जा रहा है कि यूपी और एमपी में कई केस को रफा-दफा करने के लिए आरोपी ने ठगी भी की है.
मां-बाप को खुश करने के लिए बना फर्जी जज घर पर सिविल जज की नेम प्लेट
भिंड पुलिस ने एमजेएस कॉलेज के पास स्वतंत्र नगर में दबिश देकर एक तथाकथित न्यायाधीश को गिरफ्तार किया है. इस फर्जी जज का नाम दीपक भदौरिया है, जो लंबे समय से भिंड में ही रहा रहा था. आरोपी ने अपने घर के बाहर बकायदा सिविल जज होने की नेम प्लेट लगा रखी थी. आरोपी के पास से पुलिस ने न्यायाधीश लिखी कार और सिविल जज लिखे हुए विजिटिंग कार्ड भी जब्त किए है.
घर के बाहर लगा रखी थी नेम प्लेट यूपी में रौब झाड़ता था फर्जी जज
आरोपी दीपक भदौरिया की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसने बताया है कि वह उत्तर प्रदेश में कन्नौज के छिपरा मउ इलाके का रहने वाला है. यहां आरोपी खुद को भिंड में पदस्थ जज बता रखा था. पुलिस के मुताबिक तथाकथित जज यूपी स्थित घर के आसपास रौब झड़ता था. पुलिस को आशंका है कि आरोपी ने भिंड और कन्नोंज में कई केसों में सेटलमेंट करवाने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी भी की है.
मोबाइल में छुट्टी का फर्जी आवेदन अज्ञात नम्बर से मिली थी टिप
डीएसपी मोतीलाल कुशवाहा के मुताबिक एक अज्ञात नम्बर से उन्हें दीपक भदौरिया के बारे में टिप मिली थी,आरोपी भिंड में पदस्थापन दिखा कर लोगों को डराता धमकाता है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस का कहना है कि मामला न्यायाधीश से जुड़ा होने के कारण बहुत ही सावधानी से इस मामले में कार्रवाई की गई है. पुलिस के अनुसार टिप देने वाले के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.
जांच में सामने आया मामला
डीएसपी ने बताया की जब उन्हें इसके संबंध में जानकारी मिली तो पहले पूरी जांच की गई. इस दौरान भिंड में पदस्थ सभी न्यायाधीशों की सूची मंगाई गई लेकिन इसमें आरोपी को नाम नहीं था. दीपक के बारे में पुलिस ने अन्य जानकारी जुटाना चाही तो सभी कुछ फर्जी पाया गया. इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में ले लिया. चौंकाने वाली बात ये है कि आरोपी के पास से पुलिस को एक छुट्टी का आवेदन भी मिला है.
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लॉ की डिग्री कर चुका है आरोपी
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी दीपक ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से साल 2013 में लॉ की डिग्री की है. इसके बाद पीजी की डिग्री भी कानपुर से की है. वहीं आरोपी से बात करने पर उसने बताया कि उसने मध्य प्रदेश में जज के लिए आवेदन किया था लेकिन उसका सिलेक्शन नही हो सका था. जिसकी वजह से उसने यह झूठ के न्यायाधीश की जिंदगी अपना ली थी. आरोपी का कहना है की उसकी मां बीमार रहती है जिसकी वजह से उसने जज ना बन पाने की बात उनसे छिपा ली और झूठ बोलकर न्यायाधीश बनकर घुमने लगा.