भिंड। पिछले एक सप्ताह में जहरीली शराब से इंदुर्खी में 4 लोगों की मौत हो गई है. इस शराब कांड मामले में किरकिरी के बाद आखिरकार जिला प्रशासन हरकत में आया. कलेक्टर के पत्र लिखने के बाद भिंड मुरैना और ग्वालियर की संयुक्त आबकारी टीम ने डिड़ी गांव में स्थित ग्वालियर डिस्टलरी पहुंच कर जांच पड़ताल की और वहां तैयार की जा रही शराब के सैम्पल भी लिए. इसी कड़ी में पुलिस ने एक और कार्रवाई करते हुए दो और आरोपियों की गिरफ्तारी की है. इसमें ग्वालियर डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड के मालिक का भतीजा भी शामिल है. इस कार्रवाई के बाद ग्वालियर डिस्टलरी को आबकारी विभाग की ओर से मिली क्लीन चिट पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.
दो और आरोपियों की हुई गिरफ्तारी
इस मामले में पुलिस ने पहले चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन रविवार को भी पुलिस ने दो अन्य और आपरोपियों को पकड़ा है. पुलिस के मुताबिक डिड़ी गांव स्थित ग्वालियर डिस्टिलरी के मालिक का भतीजा मनीष यादव भी इस वारदात के लिए जिम्मेदार है. (Indurkhi Liquor Case)
आरोपी मनीष यादव ने की थी ओपी की सप्लाई
SIT के प्रमुख और भिंड के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश कुमार खरपुसे ने बताया की आरोपी मनीष ने 11 जनवरी को 40 लीटर ओपी एक कैन में सप्लाई की थी. यह वही ओपी थी जिससे जहरीली शराब बनाई गई और बाद में उसे पीने से इंदुर्खी में 4 लोगों की जान चली गयी. इसी वजह से पुलिस ने कार्रवाई करते हुए और पूरे मामले की जांच करते हुए गोविंद यादव के भतीजे की गिरफ्तारी की पुष्टि की.
मनीष ने 11 जनवरी को शहर के बजरिया इलाके के एक युवक को जो कैन में 40 लीटर ओपी सप्लाई की थी, वही ओपी उस युवक ने इंदुर्खी के पूर्व सरपंच के बेटे और मामले में मुख्य आरोपी गोलू सिरौठिया को दी. जिसके बाद 13 जनवरी को स्वतंत्र नगर के एक मकान में इंदुर्खी से आये मजदूरों ने 500-500 रुपये की मजदूरी पर उसी ओपी से शराब तैयार कर क्वार्टर में पैक की जो जहरीली हो गयी. इसी शराब के 12 क्वार्टर इन पांचों युवकों को भी बांटे गए थे, अंदाज लगाया जा रहा है कि इसी शराब को पीने के बाद 2 दिन में ही दो मजदूरों की मौत हो गई थी. बाद में दो और लोगों की जहरीली शराब के पीने से मौत हो गई थी. (nephew of Gwalior Distillery owner caught)
डिस्टिलरी को दी क्लीन चिट
डिड़ी गांव में स्थित ग्वालियर डिस्टलरी से भिंड में देशी शराब के निर्माण के साथ ही अन्य जिलों में भी सप्लाई के लिए शराब तैयार की जाती है. साथ ही कुछ साल पहले इस डिस्टलरी को ओपी सप्लाई का भी लाइसेंस मिला चुका है. ऐसे में यहां से टैंकरों के जरिए देशभर में कहीं भी ओपी की सप्लाई की जा सकती है. वहीं जहरीली शराब को लेकर कलेक्टर ने जांच के लिए पत्र लिखा. इसी के बाद आबकारी विभाग से ग्वालियर, मुरैना और भिंड की विशेष टीम डिस्टिलरी की जांच के लिए आई थी. जिसने जांच में डिस्टिलरी को क्लीन चिट दे दी है.
आबकारी विभाग की कार्रवाई पर उठे सवाल
डिस्टिलरी पर पहुंची आबकारी टीम ने भले ही जांच के आधार पर शनिवार को ही फैक्ट्री को क्लीन चिट दे दी, लेकिन इसके बाद डिस्टीलरी में पदस्थ आबकारी अधिकारी एसएम खान को हटाकर उन्हें जिला मुख्यालय अटैच कर दिया. आबकारी विभाग की यह कार्रवाई अब सवालों के घेरे में है, क्योंकि अगर डिस्टिलरी में सब कुछ ठीक होने पर क्लीन चिट दी गयी तो वहां पदस्थ अधिकारी को क्यों हटाया गया, और अगर गड़बड़ी के चलते एसएम खान को हटाया गया तो डिस्टिलरी को क्लीन चिट कैसे दी गयी.
जहरीली शराब कांड: कुएं ने उगली शराब तो हरकत में आया प्रशासन, आबकारी टीम ने डिस्टिलरी का रिकॉर्ड जांचा
50 क्वार्टर के साथ पकड़ा तस्कर
वहीं रौन पुलिस ने मामले में एक और आरोपी की गिरफ्तारी की है. आरोपी का नाम नीरज बताया गया है. जिसने शराब के 90 क्वार्टर खरीदे थे, हालांकि उसने 40 क्वार्टर नष्ट कर दिए थे, लेकिन बचे हुए 50 क्वार्टर के साथ पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
(Bhind poisonous liquor case)