भिंड।मध्य प्रदेश में एक जुलाई को 42 जिलों में महिला थाने शुरू किए गए. जिससे की महिला अपराध से जुड़ी पीड़ितों को थानों के चक्कर न लगाने पड़े, और कानूनी कार्रवाई के लिए सीधा शिकायत महिला थाने में दर्ज हो सके. प्रदेश में 42 नए महिला थाने तो शुरू हो गए, लेकिन ज्यादातर जगह FIR प्रणाली शुरू होने में काफी समय लग गया. भिंड में भी कुछ ऐसी ही स्थिति शुरुआती दौर में बनी रही. नए महिला थानों में FIR दर्ज होने में आखिर क्या समस्या आ रही है, ये जानने रिपोर्ट पढ़िए.
क्यों आ रही है समस्या ?
भिंड में भी महिला थाने का शुभारंभ 1 जुलाई को सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के हाथों हुआ. शुरू के दिनों में एक भी शिकायत थाने में दर्ज नहीं हो सकी. इस संबंध में महिला थाने की नव-नियुक्त थाना प्रभारी रत्ना जैन ने बताया कि कोई भी नया थाना खुलने से व्यवस्थाएं सुचारु होने में समय लग जाता है, इसके पीछे तकनीकी कारण भी है. मध्य प्रदेश में पुलिस कार्रवाई का सारा डेटा ऑनलाइन दर्ज होता है. यहां तक की FIR भी अब ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से ही दर्ज होती है. इसे क्राइम कंट्रोल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) कहा जाता है, जिसकी पूरी देखरेख भोपाल कंट्रोल सेंटर से होती है. अब तक भिंड के महिला थाने में इसकी कनेक्टिविटी नहीं हो पाई है. जिस वजह से अब FIR दर्ज नहीं हो पा रही है.
क्या रखा गया FIR का विकल्प
भिंड में खुले नए महिला थाने में महिला अपराध से जुड़े मामले पहुंच रहे हैं, लेकिन FIR न हो पाने के कारण लोगों को थोड़ी समस्या झेलनी पड़ रही है. थाना प्रभारी रत्ना जैन ने बताया कि ऐसे मामलों में पीड़ितों की परेशानी को देखते हुए कार्रवाई के लिए हम पीड़ित से आवेदन लेते हैं. जिसके बाद संबंधित थाने को FIR के लिए सूचित करते हैं. पीड़ित परेशान न हो इसके लिए, उन्हें पुलिस वाहन से संबंधित थाने तक पहुंचाया जाता है, जहां FIR दर्ज कराई जाती है.
कितनी आ रहीं औसतन शिकायतें