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मोदी के जन्मदिन पर ऐसे बना वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड! मृतकों को भी लगा दी वैक्सीन, ईटीवी भारत की रिपोर्ट में खुलासा - ईटीवी भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (PM Modi Birthday) पर वैक्सीनेशन महाअभियान (Vaccination Maha Abhiyaan) चलाया गया. इस दौरान रिकॉर्ड 2 करोड़ से ज्यादा लोगों का टीकाकरण (Vaccinated) हुआ. लेकिन भिंड (Bhind) जिले में वैक्सीनेशन को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा (Fraud in Vaccination) सामने आया. ईटीवी भारत ने इसका खुलासा किया है.

वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड!
वैक्सीनेशन का रिकॉर्ड!

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Published : Sep 20, 2021, 5:06 PM IST

भिंड(Bhind)।वैक्सीनेशन महाअभियान (Vaccination Maha Abhiyaan) के जरिए सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगाने की जुगत में लगी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के जन्मदिन पर रिकॉर्ड 2 करोड़ से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हुआ. पीएम ने खुद अपने संबोधन में इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया था. लेकिन भिंड जिले में आंकड़ेबाजी के नाम पर टीकाकरण में बड़ा फर्जीवाड़ा (Fraud in Vaccination) सामने आया.

दरअसल जिले में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की तरफ से कुछ ऐसे लोगों को वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने का मैसेज और सर्टिफिकेट (Message and Certificate) जारी किया गया, जिन्होंने दूसरा डोज लगवाया ही नहीं था. कई ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें मरने वालों को तक वैक्सीन लगाने की बात कही गई. आखिर क्या है यह पूरा वैक्सीन का फर्जीवाड़ा ? रिपोर्ट पढ़ें.

बिना वैक्सीन लगवाए आया मैसेज

भिंड जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन यानि 17 सितंबर को स्वास्थ्य विभाग की ओर से कुछ लोगों के पास मैसेज पहुंचे. जिसमें कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगने की बात लिखी हुई थी. जबकि इन लोगों ने दूसरा डोज लगवाया ही नहीं था. एसएमएस देखकर सभी लोग हैरान रह गए.

बिना वैक्सीन लगवाए आ गया मैसेज

भिंड के महावीरगंज मेला ग्राउंड के पास रहने वाले युवक रुद्र प्रताप ने ईटीवी भारत को बताया कि जून में उन्होंने पहला टीका कोविशील्ड का लगवाया था. लेकिन 84 दिन पूरे होने पर उन्हें दूसरा टीका लगवाने का समय नहीं मिला. इस दौरान 17 सितंबर की रात करीब 9 बजे उन्हें मोबाइल पर एक एसएमएस मिला. जिसमें उन्हें कोविशील्ड का दूसरा टीका लगा देने की बात लिखी थी. इतना ही नहीं प्रमाण-पत्र डाउनलोड करने का भी लिंक स्वास्थ्य विभाग को ओर से भेजा गया था. युवक ने जब सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो उन्हें इस फर्जीवाड़े का अहसास हुआ.

वैक्सीनेशन में फर्जीवाड़ा

शिकायतें मिलने के बाद ईटीवी भारत की पड़ताल

युवक रुद्र प्रताप की शिकायत के बाद ईटीवी भारत ने मामले की पड़ताल शुरू की. इस दौरान कई ऐसे खुलासे हुए जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया. भिंड में ही इस तरह के फर्जीवाड़े के कई केस सामने आए. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  1. भिंड के गीता भवन स्थित रहने वाले अभिमन्यु को भी 17 सितंबर को मोबाइल पर भिंड के डाक बंगला स्थित वैक्सीन सेंटर पर सफलतापूर्वक वैक्सीन का दूसरा डोज लगने का SMS प्राप्त हुआ. जबकि अभिमन्यु के बड़े भाई ने बताया कि उनका भाई पिछले दो महीने से भिंड से बाहर है. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि 17 सितंबर को डाक बंगले पर कोई वैक्सीनेशन सेंटर बनाया ही नहीं गया था.
  2. भिंड के रहने वाले अमित श्रीवास्तव पेशे से शासकीय शिक्षक हैं जिनकी ड्यूटी फिलहाल कलेक्ट्रेट में चल रही है. उन्हें भी रुद्र और अभिमन्यु की तरह ही 17 सितंबर को कोविशील्ड वैक्सीन का दूसरा डोज सफलतापूर्वक लगाए जाने का एसएमएस प्राप्त हुआ. जबकि अभी तक उन्होंने दूसरा डोज नहीं लगवाया है.
  3. जिले के मेहगांव कस्बे में रहने वाली मुन्नी देवी के साथ भी ठीक इसी तरह का फर्जीवाड़ा सामने आया. 17 सितंबर की रात करीब 8.14 बजे उनके पति के मोबाइल पर मुन्नी देवी को वैक्सीन का दूसरा डोज लगाए जाने का मैसेज आया. जबकि उन्होंने भी अब तक दूसरा डोज लगवाया नहीं है.

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मृतकों को भी लगाई वैक्सीन

  1. मेहगांव कस्बे के रहने वाले बुजुर्ग सीताराम श्रीवास्तव की पत्नी विमला देवी ने 20 मार्च 2021 को वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था. लेकिन अप्रैल में उनकी मृत्यु हो गई. वहीं 17 सितंबर को उनके परिजन के मोबाइल पर भी विमला देवी का सफलतापूर्वक टीकाकरण किए जाने का मैसेज आया.
  2. भिंड के दबोह वॉर्ड-13 अमहा गांव के रहने वाले राजा यादव के पिता कोक सिंह यादव ने 1 अप्रैल को दबोह हायर सेकेंडरी स्कूल में कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवाया था. लेकिन दूसरा डोज लगने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई. इसके बाद भी 18 सितम्बर की शाम 4 बजे परिजन के मोबाइल पर कोक सिंह यादव को सफलतापूर्वक वैक्सीन का दूसरा डोज लगाने का मैसेज आया.
  3. भिंड के अम्लेहड़ा गांव के निवासी अमित चौधरी की पत्नी और कांग्रेस प्रवक्ता डॉ.अनिल भारद्वाज की भाभी ज्योति चौधरी एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता थीं. जिनकी मृत्यु जिला अस्पताल में हार्ट अटैक से 21 जनवरी को हो गई थी. लेकिन उनकी मौत के 4 महीने बाद भी उनके मोबाइल नंबर पर कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगाए जाने का मैसेज आया. इतना ही नहीं पिछले महीने 9 अगस्त को मृतक के नम्बर पर वैक्सीन का दूसरा डोज भी लगाए जाने का मैसेज आया था.

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मामले में शुरू हुई राजनीति

जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस तरह का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद प्रशासन और सरकार दोनों पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस की दिग्विजय सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने भी इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार को घेरा. उन्होंने कहा, कि जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए गए फर्जी वैक्सीनेशन से यह बात साफ है कि स्वास्थ्य अधिकारी और सरकार किस तरह गलत आंकडेबाजी कर रहे हैं. भिंड में आए मामलों से साफ जाहिर होता है कि प्रदेश में ऐसे लाखों मामले होंगे जिनमें गलत तरीके से मैसेज दिए गए होंगे. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान पर तंज भी कसा.

कांग्रेस के गंभीर आरोप

CMHO ने पीड़ितों पर मढ़ा आरोप

इन मामलों के संबंध में जब ईटीवी भारत ने सीएमएचओ डॉक्टर अजीत मिश्रा की प्रतिक्रिया ली, तो वह पीड़ितों पर ही दोष मढ़ने लगे. उन्होंने कहा कि लोग अपने पहचान-पत्र और मोबाइल नंबर दूसरों के साथ साझा कर लेते हैं, और दूसरे उनके डेटा को स्टॉक कर वैक्सीन लगवा लेते हैं. इसमें लोगों की गलती है, स्वास्थ्य विभाग ठीक से काम कर रहा है. वहीं मामले में भिंड कलेक्टर डॉक्टर सतीश कुमार एस का कहना है कि इस तरह की शिकायतें मिली हैं, जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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