भिंड। लंपी वायरस से एहतियातन जिले में मवेशियों के परिवहन और पशु मेलों/हाट आयोजनों पर जिला कलेक्टर ने रोक लगाते हुए धारा 144 लागू कर दी थी, लेकिन अब भिंड जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के अलावा गोहद, मेहगांव और लहार के कई गांवों में लंपी वायरस से संक्रमित गोवंश मिलने लगे हैं. जिले भर में अब तक 35 गोवंश की पहचान लम्पी वायरस के संक्रमण से हुई है. जानकारी है कि इनमे एक गौवंश की मौत भी हो चुकी है.(MP Lumpy Virus) (Bhind Lumpy Virus) (Bhind Lumpy Virus Attack On Cows) (Bhind Lumpy Virus Treatment)
अब तक मिले 35 केस, एक की मौत: लंपी का असर गोहद क्षेत्र में सबसे ज्यादा है. गोहद पशु चिकित्सालय में पदस्थ डॉ अरविंद शर्मा ने बताया कि, गोहद क्षेत्र में अब तक 20 मवेशियों को ट्रैस किया जा चुका है. प्रशासन ने इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भिंड नगर की श्री कृष्ण गौशाला समेत मेहगांव, गोहद और लहार में संक्रमित गायों के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाए हैं. साथ ही गायों को संक्रमण से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान की भी शुरुआत कर दी है.
लंपी वायरस के प्रति जागरूकता:पशु चिकित्सकों का कहना है कि, इस बीमारी के लिए पशुपालकों को जागरूक होना अति आवश्यक है. जिसके लिए जिला प्रशासन लम्पी वायरस से बचाव के लिए पेंप्लेट और बैनर छपवा कर प्रत्येक विकासखंड में चस्पा कराएगी. लम्पी वायरस से ग्रस्त गोवंश को एंटीबायोटिक दवाइयां दे कर के बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. लेकिन यह पशुपालकों की ज़िम्मेदारी है की वे अपने संक्रमित मवेशियों को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें. जिससे इस बीमारी के फैलाव में कमी आएगी.
बीमार जानवर में लम्पी वायरस के लक्षण:डॉक्टरों का कहना है कि लंपी वायरस से ग्रस्त जानवर की पहचान जरूरी है. इस बीमारी से ग्रसित पशु सबसे पहले चारा खाना छोड़ देता है. उसका तापमान बढ़ जाता है यानी उसे बुखार आ जाता है, यदि शरीर पर गांठे दिखाई पड़ना शुरू हो जाएं तो लम्पी वायरस की पुष्टि हो जाती है. इसके साथ ही संक्रमित पशु की आंखों से पानी आना भी शुरू हो जाएगा. ये सभी लक्षण रोग से ग्रसित होने के तीन-चार दिन में दिखाई देना शुरू हो जाते हैं. और समय पर इलाज हो जाए तो पशु पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है. जिसने तीन से चार दिन का समय लगता है.