भिंड। नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूप की अलग अलग झलक वाली, शेर पर सवार माता दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित करने की परम्परा कई वर्षों से चली आ रही है. हर वर्ष देश भर में नवरात्रों की धूम रहती है खासकर अश्विन मास में पड़ने वाली शारदीय नवरात्र की तैयारियों की अलग ही बात होती है. जगह जगह पंडालों में माता की बड़ी-बड़ी प्रतिमाओं से लेकर घर-घर में लोग नवरात्र की पड़वा यानी पहले दिन माता की मूर्तियों की घटस्थापना करते हैं और अगले नौ दिनों तक उनकी सेवा करते हैं. इन मूर्तियों को स्थापित करने के लिए 15 दिन पहले से ही लोग बुकिंग कर देते हैं. (bhind durga murti)
हाथों से तैयार होती हैं मिट्टी की प्रतिमाएँ:पहले पीओपी की मूर्तियां बनायी जाती थी लेकिन अब ईको फ़्रेंड्ली मिट्टी की प्रतिमाएँ डिमांड में रहती हैं. भिंड जिले में भी कुछ जगहों पर पारम्परिक कारीगर वर्षों से नवरात्र के लिए मां दुर्गा की सुंदर मूर्तियां बनाते आए हैं. मूर्ति व्यापारी प्रेम सिंह कुशवाह भिंड में बीते एक दशक से नवरात्र के लिए माता की मूर्तियाँ तैयार कर बेचते हैं. भिंड शहर में ही उनका छोटा सा कारख़ाना हैं जहां मिट्टी, घास और लकड़ी की मदद से उनके साथी कारीगर मां दुर्गा की मनमोहक और सुंदर छोटी से बड़ी हर साइज़ की मूर्तियां बनाकर तैयार करते हैं. मूर्ति तैयार होने के बाद उन्हें हाथों से पेंट किया जाता है पेंट सूखने के बाद तैयार हुई माता की प्रतिमा को बेचने के लिए प्रदर्शित किया जाता है. (durga idols in mp)