भिंड जिला अस्पताल की स्पेशल ऑडिट टीम पहुंची भिंड।शुक्रवार दोपहर अचानक एक स्पेशल ऑडिट टीम जिला अस्पताल पहुंची. ये टीम बीते वर्षों में अस्पताल और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक CAG की ओर से जानकारी इकट्ठा करने आई है. खास बात ये है कि जिले में स्वास्थ्य अधिकारियों से इस गोपनीय रिपोर्ट के लिए बीते 7 सालों की जानकारी मांगी है. बता दें कि CAG द्वारा स्वास्थ्य विभाग के संबंध में एक विशेष और गोपनीय रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है, जिसके लिए सभी जिलों में टीमें बनाकर भेजी गई है. इन्हीं में से एक 4 सदस्यीय टीम शुक्रवार को भिंड जिला अस्पताल भी पहुंची और जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यूपीएस कुशवाह और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल से मुलाकात की.
अधिकारियों से मांगा 7 साल का रिकॉर्ड:टीम के सभी सदस्य ऑडिट का काम शुरू कर चुके हैं और उन्होंने कैग के विभिन्न बिंदुओं पर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से जानकारी मांगी है. यह जानकारी अस्पतालों के सभी वार्ड में व्यवस्थाओं, बेड, टेबल्स, ओपीडी, ऑपरेशन थियेटर, आईपीडी, मशीन्स, मरीजों का डेटा समेत कई तरह के बिंदुओं पर आधारित है. साथ ही यह पूरा डेटा साल 2016 से अब तक का मांगा गया है.
पुराना डेटा मिलना थोड़ा मुश्किल:हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि वे टीम की पूरी मदद कर रहे हैं. ताजा डेटा तो कंप्यूटर्स पर उपलब्ध है, लेकिन 2016 का इतना पुराना डाटा मिलना पूरी तरह संभव नहीं है. क्योंकि पूर्व में काम रजिस्टर रिकॉर्ड पर होते थे, लेकिन अब लंबे समय से कंप्यूटर्स का इस्तेमाल हो रहा है. फिर भी जितना संभव होगा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का प्रयास रहेगा. टीम यह पूरी जानकारी 2 दिन में एकत्रित कर CAG को सौंपेंगी. हालांकि इस संबंध में टीम के सभी सदस्य गोपनीय कार्य होने का हवाला देते हुए ज्यादा कुछ भी बताने से इंकार करते नजर आए.
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स्वास्थ्य विभाग से संबंधित है CAG का गोपनीय ऑडिट:कार्रवाई के दौरान टीम के सदस्य असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर अनूप मिश्रा ने बताया कि "ये कार्रवाई प्रदेश के सभी जिलों में 19 मई से प्रारंभ हुई है. इसके अंर्तगत सभी जिलों में एक-एक टीम जिला स्वास्थ्य विभाग के बीच ऑडिट करने पहुंची है. CAG द्वारा चाही गई गुप्त जानकारी के लिए बताए गए बिंदुओं पर फिलहाल डॉक्यूमेंट और इनफार्मेशन कलेक्ट की जा रही है. हालांकि, यह एक गोपनीय कार्य है इसलिए इस संबंध में कुछ ज्यादा नहीं कह सकते हैं.
डॉक्टरों की कमी से बेहाल है जिला अस्पताल:बता दें कि स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में जिला अस्पताल लगातार पिछड़ता जा रहा है. इसकी बड़ी वजह यहां डॉक्टरों की भारी कमी है. करीब 30 से ज्यादा पद जिला अस्पताल में ही विशेषज्ञों के वर्षों से खाली पड़े हैं. जिन पर अब तक कोई भी स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हो सकी है. इसके चलते मरीज आए दिन परेशानियों से घिरे नजर आते हैं.