भिंड। एक ओर सावन का महीना चल रहा है वहीं चम्बल अंचल के भिंड जिले में एक ऐतिहासिक शिवालय पर बवाल मचा हुआ है. राजा मिहिर भोज की तरह ही प्राचीन बौरेश्वर धाम के निर्माण को लेकर क्षत्रिय और गुर्जर समाज आमने-सामने हैं. इसी मामले में जिला मुख्यालय पर करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष के कहने पर लोग इकट्ठा हुए. क्षत्रिय समाज के सैकड़ों युवा शनिवार को विशाल बाइक रैली के साथ ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें नगर पालिका में ही कैद कर लिया. करीब दो घंटे के हंगामे के बाद मौके पर ही ज्ञापन की फ़ॉर्मेलिटी पूरी कर दी गई.
क्या है पूरा मामला: चम्बल अंचल में भदावर राजाओं का शासन लम्बे समय तक रहा उस दौरान कई ऐतिहासिक धरोहरों का निर्माण और पुनर्निर्माण भी इन शासकों ने कराया था. आज ये संपदा पुरातत्व विभाग के अधीन है, लेकिन किसी असामाजिक तत्व द्वारा भिंड जिले के प्राचीन शिव मंदिर श्री बौरेश्वर धाम पर लगे पुरातत्व विभाग की जानकारी देने वाले बोर्ड पर किसी ने भदावर मिटाकर गुर्जर लिख दिया. फिर क्या था बवाल तो मचना ही था. पहले क्षत्रिय समाज और करणी सेना ने इस मामले में संज्ञान लेकर फूप थाना प्रभारी को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की. लेकिन इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. बल्कि करणी सेना के पदाधिकारियों का आरोप था कि थाना प्रभारी ने उनसे अभद्रता तक की.
पुलिस ने नगर पालिका में किया नजरबंद:इसी तारतम्य में करणी सेना के आह्वान पर भिंड जिला मुख्यालय पर एक रैली के माध्यम से भिंड पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देना तय हुआ. शनिवार को जब क्षत्रिय समाज के युवा और करणी सेना के कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष संतोष सिंह भदौरिया के नेतृत्व में नगर पालिका पर एकत्रित हुए तो इस बात की भनक लगते ही भारी पुलिस बल जिनमें देहात और शहर कोतवाली थाना प्रभारियों समेत आधा दर्जन निरीक्षक, करीब एक दर्जन से अधिक उप निरीक्षक, दो डीएसपी और तमाम पुलिस आरक्षकों ने उन्हें घेराबंदी कर नगर पालिका परिसर में ही कैद कर दिया.
पूरी तैयारी के साथ आयी थी पुलिस, आंसू गैस के गोले तक मंगाये थे:अचानक इस तरह कैद किए जाने से रैली में शामिल होने आए प्रदर्शनकारियों ने भी जमकर हंगामा किया. हालांकि, किसी भी तरह के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति से निपटने को लेकर भी पुलिस तैयारी कर आयी थी. लाठी चार्ज से लेकर आंसू गैस के गोले तक बैकअप में मांगे लिए गए थे. काफी बहस और हंगामे के बाद जाकर पुलिस और प्रदर्शनकारियों ने सामंजस्य बैठा कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को नगर पालिका बुला कर एक ज्ञापन उन्हें बौरेश्वर मंदिर की घटना और फूप थाना प्रभारी के रवैये को लेकर कार्रवाई के लिए एएसपी कमलेश खरपुसे को सौंपा.
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