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भिंड में तैयार होंगे मिनी जंगल! जापानी पौधारोपण तकनीक से होगा 9 हजार पौधों का रोपण, जानिए किस पद्धति से रोपे जाएंगे पौधे - भिड़ में मियावाकी पद्धति

जल्द ही मियावाकी पौधारोपण पद्धति से आंगनवाड़ी केंद्र और शमशान घाट में हजारों पौधे रोप जाएंगे, जिसकी तैयारियां भी शूरु हो गई हैं. लेकिन इस पौधारोपण में खास जापानी तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.

miyawaki tree plantation
मियावाकी पौधारोपण पद्धति

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 31, 2023, 7:53 AM IST

Updated : Dec 31, 2023, 3:22 PM IST

भिंड।भारत में जिस तेजी से पेड़ काटे जा रहे हैं, उससे पर्यावरण की चिंता हर नागरिक के लिए जरूरी हो गई है. सरकारें भी लगातार पौधारोपण करवा कर हालातों में सुधार की उम्मीद कर रही है, लेकिन इसके उलट वन क्षेत्र लगातार सिमटता जा रहा है. इस सब के बीच भिंड जिले में पौधारोपण की मियावाकी पद्धति के जरिये हजारों पौधे लगाने का एक प्रयास किया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में ये पौधे, पेड़ बनकर पर्यावरण को फायदा पहुंचा सकें.

तीन वर्षों में पेड़ बन जाते पौधे:असल में भिंड के गोहद क्षेत्र में आने वाले ग्राम गुरिखा में आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र और मुक्तिधाम की एक एकड़ ज़मीन में पर हजार पौधे लगाने की तैयारी है, ये पौधे आने वाले तीन वर्षों में पेड़ों के रूप में विकसित हो जाएंगे और प्रकृति में अपनी भूमिका अदा करेंगे. लेकिन खास बात ये है कि ये सभी पौधे जापानी पौधारोपण तकनीक मियावाकी पद्धति के अनुसार रोपे जाएंगे, जिसकी जानकारी भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने दी है.

क्या है मियावाकी पौधारोपण पद्धति:संजीव श्रीवास्तव बताते हैं कि "मियावाकी पौधारोपण पद्धति मूल रूप से जापानी तकनीक है, जिसमें कम जगह में छोटे यानी लघु वन (छोटे जंगल) तैयार किए जाते हैं. इस पद्धति में हर वर्ग मीटर में पौधे लगाये जाते हैं, लेकिन इनके प्रकार अलग अलग होते हैं. इस तकनीक में दो या उससे अधिक किस्म के देसी पौधे लगाये जाते हैं. साथ ही ये ऐसे पौधे होते हैं, जिनकी देख रेख बहुत कम करनी पड़ती है."

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इन पौधों का होता है ज्यादातर इस्तेमाल:इस विधि से देशी प्रजाति के पौधे एक-दूसरे के पास लगाए जाते हैं, जो कम जगह घेरने के साथ दूसरे पौधों की वृद्धि में सहायक होते हैं. पौधों के सघन होने से सूर्य की रोशनी को धरती पर आने से भी रोकते हैं, जिससे पृथ्वी पर खर-पतवार नहीं उग पाते हैं. तीन साल के बाद इन पौधों की देखभाल की भी जरूरत नहीं पड़ती है, जबकि सामान्य पद्धति से पौधे लगाने पर पांच साल तक देखभाल की जरूरत पड़ती है. बता दें कि कुछ सामान्य देशी पौधों में अंजन, अमला, बेल, अर्जुन और गुंज शामिल हैं.

Last Updated : Dec 31, 2023, 3:22 PM IST

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